प्रशांत किशोर ने जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी पर कई आरोप लगाए हैं. उनके आरोपों के बाद अशोक चौधरी ने 100 करोड़ के मानहानि का नोटिस भी भेज दिया है. जेडीयू के मंत्री का कहना था कि अगर प्रशांत किशोर आरोप लगा रहे हैं तो सबूत दें. अब जन सुराज पार्टी की ओर से कागजात प्रस्तुत किए गए हैं. इसको लेकर जन सुराज पार्टी मुख्यालय में गुरुवार (25 सितंबर, 2025) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई.
प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा कि प्रशांत किशोर ने जब अशोक चौधरी पर आरोप लगाए थे, तब सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि सबूत कहां हैं? हम बताना चाहते हैं कि इतने सबूत हैं कि सभी पेश नहीं कर सकते. आज कुछ डॉक्यूमेंट आपके सामने रख रहे हैं. हमारा उद्देश्य है कि जनता को सच्चाई बताई जाए.
इसके बाद प्रदेश महासचिव किशोर कुमार ने अशोक चौधरी की पत्नी नीता केसकर चौधरी और मानव वैभव विकास ट्रस्ट द्वारा कई कीमती जमीनों की खरीद मामले में कागजी साक्ष्य पेश किए. बताया कि नीता केसकर चौधरी ने साल 2021 और 2022 में दिलीप मित्तल और राकेश अग्रवाल नाम के बिल्डर से दो प्रॉपर्टी खरीदी. एक में पति अशोक चौधरी का नाम दिया जबकि दूसरे में अपने पिता का नाम दिया. दोनों प्रॉपर्टी की खरीद में करीब सात करोड़ रुपये खर्च किए गए. इनका डीड नंबर 2939 और 4640 है. सवाल है कि नीता केसकर चौधरी के पास इतने पैसे कहां से आए?
नीता केसकर चौधरी पर पहले से धोखाधड़ी के आरोप
उन्होंने बताया कि नीता केसकर चौधरी पंजाब नेशनल बैंक से करीब तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के अन्य मामले में पहले से आरोपित हैं. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी भी विचाराधीन है.
किशोर कुमार ने किशोर कुणाल के परिवार से जुड़े मानव वैभव विकास ट्रस्ट के माध्यम से प्रॉपर्टी की खरीद के डॉक्यूमेंट भी पेश किए. कहा कि इसकी खरीद अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी और किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल के बीच वैवाहिक रिश्ता तय होने एवं विवाह होने के दरमियान की गई. ट्रस्ट ने पहले कभी इतनी जमीनों की खरीदारी नहीं की. शादी तय होने के चार माह में ही हुई छह प्रॉपर्टी की खरीदारी के डिटेल मौजूद हैं. यह सारी प्रॉपर्टी पटना के पॉश इलाकों में है.
कहां-कहां कितने की जमीन?
बताया गया कि 28 मार्च 2021 को श्रीकृष्णापुरी में 5.5 करोड़, 12 मई 2022 को रूपसपुर में 3.4 करोड़, इसी दिन रूपसपुर में ही 8.9 करोड़, 14 जुलाई 2022 को मैनपुरा में 7.2 करोड़, 15 जुलाई 2022 को पाटलिपुत्र में 2.05 करोड़ और पाटलिपुत्र में ही 15.50 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी गई. इन सभी के लिए करीब 47 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ. बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.
सवाल उठाया गया कि इस ट्रस्ट की सेक्रेटरी बिहार के मुख्य सचिव की माताजी प्रोफेसर कविता श्रीवास्तव हैं. सवाल है कि जैसे ही अशोक चौधरी की बेटी की शादी सायन कुणाल से तय होती है, वैसे ही इस ट्रस्ट ने इतनी संपत्ति की खरीद क्यों की?
किशोर कुमार ने यह भी बताया कि अशोक चौधरी ने 2019 में अपने पीए रहे योगेंद्र दत्त से संपत्ति की खरीद कराई. फिर 2021 में अपनी बेटी शांभवी चौधरी के नाम पर जमीन का ट्रांसफर करा लिया. शांभवी चौधरी जिस वक्त पढ़ाई कर रही थीं, तभी उनके अकाउंट से योगेंद्र दत्त को 10 लाख रुपये दिए गए. बाद में इनकम टैक्स के नोटिस पर 27 अप्रैल 2025 को अशोक चौधरी ने योगेंद्र दत्त के अकाउंट में जबरन 25 लाख रुपया जमा किया. वजह कि योगेंद्र दत्त ने चार साल बाद रुपये लेने से इनकार कर दिया था.
कागजात प्रस्तुत करने के साथ ही नए आरोपों से अशोक चौधरी की टेंशन बढ़ सकती है. अब देखना होगा कि जेडीयू मंत्री की ओर से इस पर आगे क्या कुछ प्रतिक्रिया आती है.