बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत की है. चुनावी तैयारी पर नड्डा ने कहा कि अच्छी तैयारी है. हम लोग तो हमेशा तैयार ही रहते हैं. हम तो सब लोगों को कहा करते हैं कि आपके यहां जब कोई चुनाव की घोषणा होती है तो उसके बाद आप तैयारी शुरू करते हैं, हमारे यहां हमेशा ही एक्टिविटी के साथ पार्टी लगी रहती है. अभी सेवा पखवाड़ा चल रहा है. 

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जेपी नड्डा ने बिहार में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी खुलकर बात की. इस सवाल पर कि राहुल गांधी ने एसआईआर का मुद्दा उठाया. उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ बिहार में अलग-अलग जगहों पर जाकर रोड-शो और रैलियां कीं. एसआईआर का मुद्दा क्या चुनौती है? इस पर जेपी नड्डा ने कहा कि आप बिहार में सर्वे करा लीजिए कि एसआईआर कितना प्रभाव डाल रहा है. 

नड्डा ने कहा, "एसआईआर कोई पहली बार नहीं हो रहा है. हमारे यहां एक कहावत है नाच न आवे आंगन टेढ़ा, तो ये वो लोग हैं जिनको चुनाव लड़ने नहीं आता. जिनको चुनाव में जनता का आशीर्वाद नहीं मिलता है. और ये फिर चुनाव आयोग को गाली देते हैं. तो ये उनका तरीका है." 

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विपक्ष को नड्डा ने बताया स्तर विहीन

एक महीने के बाद बिहार में चुनाव है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को मंच से गाली दी गई थी. आरजेडी और कांग्रेस का मंच था. बाद में एआई (कांग्रेस के एक्स हैंडल से) वीडियो भी जारी किया गया था. राजनीति का ये जो स्तर है वो क्या बताता है? इस पर जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री की मां जो देवलोक चली गईं उनको इस तरह से गाली देना यह अतिनंदनीय है. इसकी जितनी निंदा की जाए कम है. ये दुर्भाग्य की बात है कि आज विपक्ष इतना स्तर विहीन हो गया है कि उससे कुछ आशा करना भी बेकार है. 

नड्डा ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने सारी सीमाएं लांघ दीं. घटना एक बार होती तो गलती हो सकती है. दो बार हुई है. पार्टी के किसी नेता ने एक वाक्य तक नहीं बोला. राहुल गांधी ने नहीं बोला. तेजस्वी यादव और लालू यादव ने नहीं बोला. ये क्या बताता है? ये लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी चुनौती है.

इस सवाल पर कि क्या चुनाव में इसका असर पड़ेगा? इस पर कहा, "निश्चित रूप से… बिहार की जनता बहुत संस्कारी है. बिहार संस्कारों के लिए जाना जाता है. बिहार लोकतंत्र की जननी है. बिहार को लोग पॉलिटिकली एक्टिव हैं. जनता समय पर जवाब देती है."