एक तरफ विपक्ष के जरिए पोस्टर्स लगाकार एनडीए सरकार को घेरा गया है कि 70 हजार करोड़ का महाघोटाला हुआ है, तो वहीं गुरुवार को जदयू की ओर से भी बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाए गए हैं, पीएम-मोदी नीतीश की तस्वीर है. डबल इंजन की सरकार कितना काम कर रही है यह संदेश देने की कोशिश की गई है. 

फिर से एनडीए सरकार आने का दावा

पोस्टर में लिखा गया है, "लग रहे उद्योग मिल रहा रोजगार, फिर से एनडीए सरकार, महिलाओं की जय जयकार, नौकरी रोजगार खुशहाल बिहार, डबल इंजन की रफ्तार, फिर से एनडीए सरकार" यानी फिर से एनडीए सरकार आने का दावा किया गया है.

बता दें कैग रिपोर्ट को लेकर बिहार सरकार पर सवाल उठे हैं. वित्तीय वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट में कहा गया है कि 71 हजार करोड़ के खर्च का हिसाब नहीं मिल रहा है. कैग ने गड़बड़ी गबन की आशंका जताई है. कैग ने कहा है कि उपयोगिता प्रमाणपत्रों के अभाव में इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वितरित धनराशि का उपयोग इच्छित उद्देश्य के लिए किया गया है.

कैग रिपोर्ट सामने आने के बाद आरजेडी ने सराकर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पटना में पोस्टर लगया था. इस पोस्टर में सृजन घोटाले का भी जिक्र किया गया था. पोस्टर में लिखा गया था कि सृजन घोटाले के बाद अब महाघोटाला 70000 करोड़ रुपये का हुआ है. इस पोस्टर को राजद के प्रदेश कार्यालय के बाहर लगाया गया था, जिसमें कहा गया है कि 70000 रुपये का हिसाब नहीं मिलना महाघोटाला है, इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए. 

महागठबंधन में मुद्दे को लपक लिया

चुनावी वर्ष में महागठबंधन में इस मुद्दे को लपक लिया है. तेजस्वी और राहुल गांधी जनता के बीच जाने वाले हैं. विपक्ष की ओर से पटना में 70 हजार करोड़ का महाघोटाला की बात कहकर पोस्टर लगाए गए हैं. इसी बीच जेडीयू ने भी पोस्टर लगा दिया है. पोस्टर से यह भी स्पष्ट हो गया है कि पीएम मोदी नीतीश के चेहरे पर एनडीए बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ेगा, काम के आधार पर वोट मांगे जाएंगे. 

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