भोजपुर के रहने वाले सीआरपीएफ के जवान पप्पू यादव ने छत्तीसगढ़ में खुद को गोली से उड़ा लिया. घटना बीते बुधवार (30 जुलाई, 2025) की है. आज (गुरुवार) दोपहर बाद सीआरपीएफ जवान का शव पैतृक गांव पहुंचेगा. पप्पू यादव (38 साल) चरपोखरी प्रखंड के ठकुरी गांव के मराही टोला के रहने वाले थे.
पप्पू यादव छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पदस्थापित थे. बताया जाता है कि पत्नी से उन्होंने बीते बुधवार को फोन पर बात की थी. इसके कुछ ही मिनट बाद इंसास राइफल से सिर में गोली मार ली. मौत की खबर जैसे ही परिवार तक पहुंची तो कोहराम मच गया.
2006 में सीआरपीएफ में हुई थी भर्ती
कैंप में गोली चलने की आवाज सुनकर जब पप्पू यादव के सहकर्मी पहुंचे तो देखा कि खून से लथपथ हालत में शव पड़ा था आनन-फानन में चिकित्सकों की टीम को बुलाया गया, लेकिन पप्पू यादव की मौत हो चुकी थी. 2006 में सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई थी.
पप्पू यादव की दो बेटियां मनीषा (उम्र करीब 14 साल) एवं अनुष्का (उम्र करीब 10 साल) हैं. मनीषा 9वीं में पढ़ती है. अनुष्का चौथी कक्षा में पढ़ाई कर रही है. पत्नी अतिसुंदर देवी ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले वो छत्तीसगढ़ के बीजापुर गए थे. गांव के मकान में काम लगा था. उसी को लेकर पति छुट्टी में एक महीने पहले गांव आए थे. 27 जुलाई को ड्यूटी के लिए चले गए थे.
जवान की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
पत्नी ने कहा कि सुबह (बुधवार को) करीब चार बजे उन्होंने मोबाइल पर कॉल किया था. बात की थी. पत्नी ने कहा, "मेरे पति बताते थे कि ड्यूटी के दौरान काफी टेंशन में रहते हैं. अफसर रह-रहकर दबाव देते रहते थे. सुबह जल्दी उठाते थे, जल्द ड्यूटी में जाने की बात बोलते थे. दो-तीन छुट्टी में आने को लेकर टॉर्चर किया जा रहा था. मेरे पति काफी हिम्मत वाले इंसान थे."