बिहार के नवादा जिले में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अनिल सिंह पर हिसुआ-राजगीर रोड पर नारदीगंज के पास जानलेवा हमला हुआ. एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम से लौटते समय पटना के रास्ते में अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई. पूर्व विधायक बाल-बाल बच गए, लेकिन उनकी गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई.

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श्रद्धांजलि सभा से नवादा लौट रहे थे अनिल सिंह

इस घटना ने पूरे क्षेत्र की राजनीति को हिला दिया है और आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सियासी घमासान तेज हो गया है. शुक्रवार की रात पूर्व विधायक अनिल सिंह अपने समर्थकों के साथ एक श्रद्धांजलि सभा से नवादा लौट रहे थे, हिसुआ-राजगीर रोड पर नारदीगंज के कुछ किलोमीटर दूर एक अज्ञात गाड़ी ने अचानक उनकी एसयूवी को ओवरटेक कर जबरन टक्कर मार दी. इससे गाड़ी रुक गई और ड्राइवर व अन्य बीजेपी कार्यकर्ता नीचे उतरने को मजबूर हो गए.

इसी बीच, दर्जनों की संख्या में लाठी-डंडे से लैस लोग अचानक मौके पर पहुंचे और पूर्व विधायक की गाड़ी पर टूट पड़े. पूर्व विधायक अनिल सिंह भी गाड़ी से उतर चुके थे, लेकिन समय रहते ही उन्होंने गाड़ी स्टार्ट कर ली और जान बचाने के लिए भाग निकले. हमलावरों ने लाठी-डंडों की बौछार कर दी, जिससे गाड़ी के शीशे टूट गए और बॉडी पर गहरी खरोंचें आ गईं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इस दौरान हवा में गोली चलने की आवाज भी सुनाई दी, हालांकि इसकी कोई पुष्टि अभी नहीं हुई है.

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पूर्व विधायक के एक करीबी समर्थक ने बताया हमलावरों ने गाड़ी को घेर लिया था. अगर अनिल  थोड़ी देर और रुकते, तो हालात और बिगड़ जाते. समर्थकों ने किसी तरह जान बचाकर नजदीकी सुरक्षित स्थान पर पहुंचे.

पूर्व विधायक ने कहा ये 'बड़ी साजिश का हिस्सा'

घटना के तुरंत बाद नारदीगंज थाने पहुंचे पूर्व विधायक अनिल सिंह ने लिखित शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने कहा, यह मेरी हत्या की साजिश थी. अगर हम वहां रुक जाते, तो पूरी टीम खतरे में पड़ जाती. हमलावर अज्ञात हैं, लेकिन राजनीतिक दुश्मनी साफ झलक रही है. अनिल सिंह ने पुलिस से तत्काल FIR दर्ज करने और हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग की. उन्होंने बीजेपी नेतृत्व से भी सुरक्षा की अपील की.

अनिल सिंह को नवादा में 'दबंग नेता' के रूप में जाना जाता है. हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं. पूर्व विधायक बीजेपी के कद्दावर चेहरे हैं. हाल ही में अगस्त 2025 में उन्होंने विश्वशांति चौक पर धरना दिया था, जहां पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था. मई 2025 में भी पार्टी के अंदरूनी गुटबाजी के दौरान उनके नाम की चर्चा हुई थी.

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