पटनाः फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले और गजवा-ए-हिंद (Ghazwa-e-Hind) को लेकर जांच जारी है. इस बीच सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर है कि एसआईटी (इस टीम में पटना पुलिस के लोग हैं) में शामिल एक सदस्य को हनी ट्रैप (Honey Trap) में फंसाने की कोशिश की गई है. यह कोशिश दुश्मन देश की जासूसी एजेंसी द्वारा की गई थी लेकिन सफलता नहीं मिली. फोन और सोशल मीडिया के जरिए हनी ट्रैप की कोशिश हुई है.


जानकारी के अनुसार, तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के विरोध में 12 जुलाई को अतहर परवेज के नेतृत्व में एसडीपीआई (SDPI) के बैनर तले पटना में प्रदर्शन होना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 12 जुलाई को पटना आना था. 11 को अतहर परवेज फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार हो गया. सूत्रों के अनुसार, फुलवारी शरीफ से गजवा-ए-हिंद मामले में गिरफ्तार मरगूब अहमद दानिश ‘Markhor’ के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा था. नेशनल एनिमल ऑफ पाकिस्तान इस ग्रुप का कवर था. व्हाट्सएप में पाकिस्तान के नंबर भी जुड़े थे. आईएसआई के नंबर थे और जिहाद के संबंध में बातचीत होती थी. मरगूब के जरिए 2023 में सीधा जिहाद की मुहिम चल रही थी.


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पूरी दुनिया में राज होगा...


इतना ही नहीं इस जांच में और खुलासे हुए है कि मरगूब अहमद दानिश अलफलाही नाम से भी व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा था. इसमें इंडो-नेपाल मदरसे के लोग थे. मरगूब अहमद दानिश के दिमाग में यह बात डाला गया था कि गजवा होगा. पाकिस्तान के नेतृत्व में पूरे दुनिया के मुस्लिम एकजुट होंगे. पूरे दुनिया में मुसलमानों का राज होगा.


मरगूब के फोन से मिला आईएसआई का नंबर


बताया जाता है कि जांच टीम को मरगूब के फोन से आईएसआई के लोगों का नंबर मिला है. उनसे वो बात करता था. आईएसआई से जुड़ा था. जांच में सामने आया है कि भारत में टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान से कुछ लोग बीते वर्षों में आए. वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भारत में अंडरग्राउंड हो गए. बिहार में आकर पीएफआई से जुड़े, लेकिन पुख्ता सबूत अभी नहीं मिला. जांच जारी है.


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