पटनाः सहारा इंडिया (Sahara India Pariwar) ग्रुप में विभिन्न स्कीमों में लोगों के करोड़ों रुपये फंसे हैं. पैसा कब और कैसे मिले इसको लेकर इसमें निवेश करने वाले लोग कई सालों से परेशान हैं. इस मामले में लगातार कोर्ट में सुनवाई भी हो रही है और पटना हाई कोर्ट सख्त है. ऐसे में सुनवाई के दौरान पटना हाई कोर्ट ने कंपनी से 27 अप्रैल को स्पष्ट जवाब मांगा है. इसके बाद उस दिन कोर्ट उचित आदेश पारित करेगा.


दो हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाएं दायर


पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने प्रमोद कुमार सैनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए, सीधे तौर पर कहा कि 27 अप्रैल तक कंपनी यह बताए कि जनता का पैसा कब तक लौटाया जाएगा. जो कंपनी के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किया गया है. कोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने बताया कि अदालत में दो हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाएं दायर हैं. सहारा की कई स्कीमों की अवधि पूरी होने बाद भी पैसे नहीं लौटाए जा रहे. इस पूरे मामले में अब पटना हाई कोर्ट ने 27 अप्रैल तक का समय दिया है.


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हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सहारा समेत कई नन बैंकिंग कंपनियों से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है. बता दें कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार समेत भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी, ईओयू और कंपनी रजिस्ट्रार को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने इनसे यह जानना चाहा था कि जिन लोगों ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में अपना पैसा जमा किया है, उसे उन्हें लौटाने की दिशा में क्या कार्रवाई की जा रही है. कार्रवाई के संबंध में संबंधित अधिकारियों को पक्षकार बनाने का भी कोर्ट ने निर्देश दिया था.


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