बिहार में विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है. इस बीच, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजियों का दौर जारी है. विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को दावा किया है कि बिहार के लोग इस बार बदलाव के मूड में हैं.
लोग अब बदलाव चाहते हैं- पशुपति पारस
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में 20 सालों से एक ही व्यक्ति की सत्ता है, लोग अब बदलाव चाहते हैं. पशुपति कुमार पारस ने यह भी दावा किया कि उन्होंने 32 जिलों की यात्रा की है और लोगों से मुलाकात की है. लोग सत्ता में परिवर्तन चाहते हैं.
उन्होंने कहा, "मां दुर्गा से हमारी प्रार्थना है कि इस बार बिहार में सत्ता परिवर्तन हो. नौजवानों के नेतृत्व में सरकार बने" इधर, चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद मतदाता सूची जारी करने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर मतदाता सूची गलत है, तो लोकसभा चुनाव इसी मतदाता सूची से कराया गया था. राजस्थान, हरियाणा, और दिल्ली का विधानसभा चुनाव हुआ. उस समय सही था?
उन्होंने कहा कि बिहार में इनकी स्थिति खराब है, इसलिए यह जानबूझकर हमारे वोटर शोषित, पिछड़े और दलित हैं और उनका नाम काट रहे हैं, यह उनके अधिकार से वंचित करने की साजिश है. महागठबंधन में सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा कि आठ अक्टूबर तक सीटों की घोषणा होने की संभावना है. छह अक्टूबर तक निश्चित रूप से घटक दलों को सीटों को लेकर जानकारी दे दी जाएगी.
'महागठबंधन में सीटों को लेकर कोई मतभेद नहीं'
उन्होंने साफ किया कि महागठबंधन में सीटों को लेकर कहीं कोई मतभेद नहीं है. सारी चीजों का फैसला मिलकर बैठकर कर लिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग के जरिए मंगलवार को एसआईआर के बाद मतदाता सूची जारी की गई है. बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7,41,92,357 हो गई है. इसमें नए लोगों के नाम जोड़े भी गए हैं और हटाए भी गए हैं.
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