पटना: प्रखर समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद के निधन की खबर आते ही दलीय दूरिया धूमिल पड़ने लगीं. रघुवंश बाबू के साथ की यादों में डूबे राजनैतिक गलियारे गमगीन हो गए. जिस वक्त उनके मृत्यु की खबर आई, उस वक्त से उनके अजीज नेता लालू प्रसाद ने चुप्पी हीं साध ली. सूत्रों की माने तो इस खबर के बाद लालू यादव गहरी चिंता में डूबे हैं. ना किसी से बात कर रहे हैं और ना हीं खाना खाया है.
लालू यादव ने ट्वीट कर कही यह बात
हालांकि, लालू ने ट्वीट पर अपनी संवेदना जरूर जाहिर की. उन्होंने लिखा कि प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था कि आप कहीं नहीं जा रहे हैं. लेकिन आप इतनी दूर चले गए. नि:शब्द हूं, दुःखी हूं, बहुत याद आएंगे.
राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कही यह बात
लालू यादव की गैर मौजूदगी में जब भी मशवरे की जरूरत पड़ी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को रघुवंश बाबू हीं याद आते थे. पार्टी के मजबूत स्तभं के धाराशाई होने पर आहत राबड़ी देवी ने अपनी वेदना दर्शाते हुए ट्वीट कर लिखा कि आदरणीय रघुवंश बाबू समाजवाद को परिभाषित करने वाले सर्वश्रेष्ठ उदाहरण थे. उनके जीवन, रहन सहन, भाव भंगिमा और विचारों में समाजवाद, गरीब और जन उत्थान की विचारधारा रचती बसती थी. आज आरजेडी और देश ने अपना सच्चा सिपाही खोया है. अश्रुपूर्ण भावभीनी श्रद्धांजलि.
अमित शाह ने ट्वीट कर कही यह बात
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी अमिट छाप ऐसा छोड़ते हैं कि सारी सीमाएं एक हो जाती हैं. ऐसा ही व्यक्तित्व दिखा रघुवंश बाबू का जिनके देहांत पर गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर उन्हें क्षद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "बिहार के वरिष्ठ राजनेता रघुवंश बाबू के निधन की सूचना से अत्यंत दुख हुआ. उनका पूरा जीवन लोहिया जी और कर्पूरी ठाकुर जी के विचारों के प्रति समर्पित रहा. गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए उनका समर्पण सदैव याद किया जायेगा. मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. ॐ शांति"
सीएम नीतीश कुमार ने कही यह बात
वहीं बिहार के मुखिया ने नीतिश कुमार ने भी उनकी मृत्यु को एक अपूरणिय क्षति बताया और उन्होंने कहा कि वे एक प्रख्यात समाजवादी नेता थे. वे कर्पूरी ठाकुर के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रहे. उन्होंने पांच बार वैशाली से लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल अत्यंत सराहनीय रहा. वे जमीन से जुड़े राजनेता थे. उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से दुःख पहुंचा है. उनके निधन से राजनीतिक, सामाजिक, शिक्षा और समाजवाद के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है."
शरद यादव ने कही यह बात
पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव भी रघुवंश बाबू के जाने से बहुत आहत दिखे उन्होंने कहा "वह ना केवल मेरे घनिष्ट मित्र थे, बल्कि एक परिवार की तरह थे. आजकल ऐसे मित्र कहां मिलते हैं, जिनसे दिल की बात कही जा सके. उनकी कमी हमेशा खलेगी "
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कही यह बात
वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं हुए लिखा कि रघुवंश बाबू को मंत्री के नाते और मनरेगा के बिल को पायलट करते भी देखा. जमीन से जुड़ा आदमी जो इतने पढ़े लिखे थे. सभी दलों के नेताओं से उनके व्यक्तिगत संबंध थे. उनके जैसे विरले व्यक्ति पैदा होते हैं. अंतिम दिनों में जो उनके मन में तनाव था, अंतरद्वन्द था उसका भी परिणाम था कि उन्हें पत्र लिखना पड़ा, वो भी एक नहीं कई पत्र. उनका इस तरह जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.