Lok Sabha Elections 2024: बिहार में भी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. मौजूदा वक्त में राज्य की पूर्णिया लोकसभा सीट सुर्खियों में बनी हुई है. बिहार में 29 मार्च को महागठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल होने के बाद पप्पू यादव की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है. आरजेडी की तरफ से पूर्णिया लोकसभा सीट पर बीमा भारती को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद इस सीट को लेकर सियासी घमासान मच गया है. जानकारी के मुताबिक पप्पू यादव अभी भी पूर्णिया सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और वो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भी किस्मत आजमा सकते हैं.


सूत्रों के मुताबिक पप्पू यादव (Pappu yadav) 2 अप्रैल को पूर्णिया लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करेंगे. बताया जा रहा है कि अगर कांग्रेस से उन्हें सिम्बल नहीं मिलता है तो वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.


पप्पू यादव लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव?


पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का हाल ही में कांग्रेस में विलय कर दिया था. पप्पू यादव को पूरी उम्मीद थी कि कांग्रेस से उन्हें पूर्णिया लोकसभा सीट से उम्मीदवार जरुर बनाया जाएगा लेकिन महागठबंधन में सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत ये सीट आरजेटी के पास चली गई. आरजेडी ने यहां से बीमा भारती को टिकट दिया है. कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने के बाद पप्पू यादव पूर्णिया को अपनी प्रतिष्ठा की सीट मान चुके हैं और इसे किसी भी कीमत पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं. कांग्रेस का सिंबल न मिलने पर वो निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.


पप्पू यादव के पास क्या है विकल्प?


बता दें कि बीमा भारती नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू छोड़कर आरजेडी में शामिल हुई थीं. आरजेडी में शामिल होने के बाद तुरंत ही पार्टी प्रमुख लालू यादव ने उन्हें पूर्णिया से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया, जिसके बाद पप्पू यादव की नाराजगी बढ़ गई. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन वो पूर्णिया सीट नहीं छोड़ेंगे. 


ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अब पप्पू यादव के बाद क्या विकल्प हैं? कहा जा रहा है कि पप्पू यादव या तो कांग्रेस से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं या फिर कांग्रेस की दी हुई किसी दूसरी सीट पर चुनाव लड़ने के लिए राजी हो जाएं. पप्पू यादव पहले तीन बार पूर्णिया और दो बार मधेपुरा लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर चुके हैं.


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