Patna News: बीते 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत के ऑपेशन सिंदूर के बीच में ही 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा हो गई. सीजफायर का निर्णय कितना सही हुआ और वर्तमान समय में जो हालात हैं, इस पर मुस्लिम संगठन इदारा-ए-शरिया के काजी पद पर तैनात अहमद रजा अहमद ने मंगलवार को आतंकवाद पर केंद्र सरकार के निर्णय की तारीफ की, लेकिन सीजफायर के निर्णय पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं हमारी सेना का मनोबल टूटा है.
पहलगाम में हमला बेहद दर्दनाक
काजी अहमद राजा अहमद ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहा कि जिस तरीके से आतंकियों ने पहलगाम में हमला किया वह बेहद दर्दनाक घटना थी. भारतीय सेना ने इसका बदला लिया. पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया उसके बाद पाकिस्तान बौखलाहट में हमारे निर्दोष लोगों पर हमला करता रहा. यह सही अच्छी बात है कि भारतीय सेना ने भी उसका जवाब दिया और दुश्मन को जवाब देना भी बिल्कुल सही है, लेकिन जिस तरह से सीजफायर की घोषणा हुई इस पर कहीं ना कहीं तो सवाल उठाना जरूरी है.
उन्होंने बताया कि जंग से बेहतर अमन अच्छा है और सभी जगह अमन रहना चाहिए, लेकिन जिस माहौल में जिस परिस्थिति में सीजफायर किया गया है. इससे तो सवाल उठ रहे हैं. उस आलम में जब हमारे फौजी दुश्मनों को शिकस्त दे रहे थे, उनका मनोबल बढ़ा हुआ था. हमारी सेना आगे बढ़कर के दुश्मन को और ज्यादा शिकस्त दे सकती थी. ऐसे में अचानक सीजफायर कर देने का एलान यकीनन पाकिस्तान की सेना के हौसला टूटने से बच गया और हमारी सेना के हौसला टूट गया. ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन जो हुआ अच्छा हुआ है. अब अमन और शांति हुई है तो हर मामले में अमन शांति अच्छी होती है.
उन्होंने कांग्रेस के राजनीति करने पर कहा कि हम तो यही कहेंगे कि हमारे प्रधानमंत्री, हमारी केंद्र सरकार ने कोई गुंजाइश छोड़ी है तब तो कांग्रेस सवाल उठा रही है. आप अगर सवाल की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते तो सवाल करने का मौका नहीं मिलता. सिर्फ विपक्ष ही नहीं पाकिस्तान के लोग भी इस तरह की बात कर रहे हैं कि जिस तरह से सीजफायर हुआ है. इससे कई गुत्थियों को उलझा करके रख दिया है.
सीजफायर होना चाहिए था, लेकिन हमारी शर्तों पर होना चाहिए. उनको पूरी तरह से शिकस्त देने के बाद सीजफायर होता तो हमारी जीत होती. ट्रंप के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बात तो उठाना जरूरी है, क्योंकि जो बात हमारे घर की थी वह सोशल मीडिया से ट्रंप कैसे खुलासा कर रहे हैं. ट्रंप तक कैसे बात पहुंच गई. सीजफायर हुआ तो अच्छी बात है अमन तो होना चाहिए, लेकिन अमन इस माहौल में किया जाए कि बाद में पछताने की नौबत नहीं आए.
उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छी बात है कि कल पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर स्थगित हुआ है, खत्म नहीं हुआ है. इससे हमारी सेना का मनोबल अभी बढ़ा हुआ है, लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा के बाद फिर गोलीबारी किया था तो हमारा यही कहना है कि अगर दुश्मन को शिकस्त दे रहे हैं तो इस तरह का शिकस्त दीजिए कि उसे फिर सिर उठाने का मौका नहीं मिले.
काजी-ए-शरिया ने की पीएम मोदी की तारीफ
उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जो घोषणा की है तो उनकी बात तो मानना जरूरी है, क्योंकि वह हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं और जो उन्होंने कल (मंगलवार) को आतंकवाद को लेकर कहा है वह काबिले तारीफ है. वहीं उन्होंने POK के मुद्दे पर कहा कि अभी कश्मीर मुद्दा को नहीं उठाना चाहिए. अभी मुद्दा आतंकवाद का है तो इस पर फोकस करके शिकस्त देने के लिए सरकार को सोचना चाहिए.
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