बिहार की सियासत में इन दिनों सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दूरी बनाए हुए हैं? न तो वह पीएम की किसी चुनावी सभा में मंच साझा कर रहे हैं और न ही पटना में हुए पीएम के रोड शो में शामिल हुए. इसी को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में कयासों का बाजार गर्म है कि कहीं सीएम नीतीश बीजेपी से नाराज तो नहीं हैं?
नीतीश कुमार को लेकर चल रही ये चर्चा
बिहार चुनाव के बीच चर्चा है कि अगर 4 नवंबर तक बीजेपी के शीर्ष नेता यह ऐलान नहीं करते कि 2025 के चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरा होंगे, तो वे कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कन्हैया वेलारी ने बताया कि “रविवार को पीएम मोदी का पटना में शाम को रोड शो था. हमने सुबह 6 बजे ही एक्स पर पोस्ट कर दिया था कि नीतीश कुमार इसमें शामिल नहीं होंगे."
वेलारी के अनुसार, नीतीश कुमार चाहते हैं कि जिस तरह महागठबंधन ने ‘संकल्प पत्र’ जारी करते हुए तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया. उसी तरह एनडीए भी स्पष्ट रूप से घोषणा करे. लेकिन जब एनडीए का संकल्प पत्र जारी हुआ, तो ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई. यही वजह रही कि नीतीश कुमार ने संकल्प पत्र कार्यक्रम में मंच पर आते ही एक मिनट के भीतर वहां से प्रस्थान कर दिया.
नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री वाले पोस्टर पर बीजेपी
पत्रकार वेलारी ने आगे बताया कि जेडीयू की ओर से लगातार “आगामी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार" के पोस्टर-बैनर लगाए जा रहे हैं. लेकिन बीजेपी इस पर खुलकर कुछ नहीं कह रही. यही बात नीतीश की नाराजगी की वजह मानी जा रही है.
उन्होंने दावा किया कि 4 नवंबर तक बीजेपी को समय दिया गया है. रोड शो से पहले कई बीजेपी नेता उन्हें मनाने गए थे, लेकिन वे नहीं माने. अब देखना होगा कि 4 नवंबर के बाद नीतीश क्या कदम उठाते हैं? अगर नाराजगी बढ़ी तो बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है और बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है."
जेडीयू ने नाराजगी की बात को किया खारिज
इस पर जेडीयू प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, "ऐसी कोई बात नहीं है, मुख्यमंत्री जी नाराज नहीं हैं. वक्त कम है, इसलिए सब अपने-अपने इलाकों में सभाएं कर रहे हैं. विपक्ष अपने हाल पर ध्यान दे. 2020 में भी तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार थे, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बने."
उन्होंने बताया कि "इस बार भी बीजेपी ने बार-बार कहा है कि हम उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं. अमित शाह साफ कह चुके हैं कि बिहार में सीएम की कोई वैकेंसी नहीं है, इसलिए ऐसी चर्चाएं बेबुनियाद हैं. एनडीए 2025 में भी ‘फिर से नीतीश’ के नारे पर चुनाव मैदान में है."
बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने कहा, “हमारे नेता कई बार कह चुके हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए चुनाव लड़ रहा है. सीएम की कोई दूसरी वैकेंसी नहीं है. जहां वैकेंसी होती है, वहीं घोषणा की जाती है. यहां तो मामला ‘दो जिस्म एक जान’ जैसा है नीतीश आज भी मुख्यमंत्री हैं और आगे भी रहेंगे. नाराजगी की कोई बात नहीं है."
विपक्ष ने साधा निशाना
वहीं, विपक्ष ने इस पूरे घटनाक्रम पर तंज कसते हुए इसे “नूरा कुश्ती" बताया. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, “बीजेपी बिहार में अपने पुराने ट्रैक रिकॉर्ड पर ही काम कर रही है. नीतीश के नेतृत्व को पूरी तरह स्वीकार करने से बीजेपी बच रही है. दोनों पार्टियां जनता को भ्रमित करने के लिए एक-दूसरे के साथ नूरा कुश्ती कर रही हैं."