पटना: चैती छठ के मौके पर रविवार (26 मार्च) की शाम खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बीजेपी एमएलसी संजय मयूख (BJP MLC Sanjay Mayukh) के घर पहुंचे. खरना का प्रसाद खाया और आशीर्वाद लिया. संजय मयूख गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के बेहद करीबी माने जाते हैं और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया हेड भी हैं. साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं पर संजय मयूख की अच्छी पकड़ है. अब सियासी गलियार में हलचल तेज है.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संजय मयूख के घर छठ के मौके पर जाना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन कुछ बातों के चलते हलचल तेज है. अभी रमजान का महीना चल रहा है. पिछले साल रमजान के मौके पर ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन था. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे थे. उस वक्त नीतीश कुमार बीजेपी के साथ एनडीए में शामिल थे. इफ्तार पार्टी में जाने के बाद कई तरह के कयास लगाए गए थे और वह सच भी हुआ था. नीतीश कुमार ने एनडीए का दामन छोड़ दिया था और महागठबंधन में शामिल हो गए थे.



महागठबंधन में सब ठीक है?


पिछले कुछ दिनों की बात करें तो कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिससे ऐसा लगता है कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है. आरजेडी कोटे के मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने जब रामचरितमानस पर सवाल खड़े किए तो जेडीयू के कई नेता और मंत्रियों ने जमकर विरोध किया. तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात पर भी आरजेडी के नेता बयानबाजी करते रहते हैं. दो दिन पहले की बात ले लीजिए. राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने पर कांग्रेस, आरजेडी, वामदल सबने मिलकर पैदल मार्च किया लेकिन जेडीयू शामिल नहीं हुई.


इधर अब हाल के दिनों में हुई बिहार की राजनीतिक घटनाक्रम, रविवार को सीएम नीतीश कुमार का बीजेपी एमएलसी संजय मयूख के घर जाना, इन सबको लेकर राजनीति में इसे अलग नजरिए से देखा जा रहा है. नीतीश कुमार कुछ दिनों से तेजस्वी यादव से कई मुद्दों पर अलग राय रखते भी दिखे हैं. 


यह भी पढ़ें- Tejashwi Yadav Baby: पिता बनने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की आई पहली प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा?