पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक बार फिर पलटी मार सकते हैं. कयास लगाए जा रहे कि बीते दिनों से राजनीतिक गलियारे से जो भी घटनाएं सामने आ रही वो काफी कुछ बयां कर रही. नीतीश और तेजस्वी कई मुद्दों पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे. जेडीयू में तो पहले से ही टूट है जिसमें उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी छोड़ दी और नई बना ली. बीते दिनों मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच कई ऐसी चीजें देखने को मिली है जिससे राजनीति में भूचाल आने की संभावना है.


तमिलनाडु केस पर अलग-अलग राय


इधर, तमिलनाडु कथित बिहारी मजदूरों पर हमले मामले को लेकर जहां तेजस्वी कह रहे कि कुछ भी नहीं हुआ है. वहीं मुख्यमंत्री वहां जांच के लिए टीम भेज रहे हैं. बजट सत्र चल रहा है और इसमें बीजेपी की ओर से इस मामले पर गहन जांच करने की बात कही है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा एक टीम के साथ इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने गए थे. नीतीश कुमार इस मुद्दे पर गंभीर हैं जबकि सदन में तेजस्वी ने साफ तौर पर कहा था कि ये वीडियो के जरिए अफवाह फैलाए जा रहे हैं.


सुधाकर सिंह पर गोल मटोल प्रतिक्रिया


आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह नीतीश कुमार को लेकर बयान देते रहते हैं. जेडीयू कार्रवाई की मांग कर रहे, लेकिन आरजेडी और तेजस्वी इस पर खामोश हैं. इस मामले को लेकर भी इनकी प्रतिक्रिया अलग है तो कहीं ने कहीं ऐसे कयास लगाए जा रहे कि सिंह को लेकर दोनों पार्टियों में भी तनाव है.


कुर्सी की कहानी


कहा गया कि नीतीश कुमार पीएम पद के लिए चाह रख रहे जबति तेजस्वी सीएम पद के लिए चाह रख रहे. हालांकि महागठबंधन की रैली में तेजस्वी ने कहा था कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पद के लिए कोई लड़ाई नहीं है. देश से बस बीजेपी को हटाना है और लोकतंत्र बचाना है. हालांकि देखा जाए तो कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री ने मीडिया के सामने खुलेआम कहा था कि साल 2025 में तेजस्वी यादव बिहार का नेतृत्व करेंगे. अब मुख्यमंत्री नीतीश के दिल में क्या चल रहा ये तो वो ही जान सकते, लेकिन हाव भाव देखा जाए तो दोनों के बीच की दूरी साफ तौर पर देखी जा सकती है.


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