पटना: केंद्र सरकार की ओर से 30 दिसंबर को कोलकाता में नमामि गंगे परियोजना पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसमें पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आएंगे. इस कार्यक्रम में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के सभी मुख्यमंत्रियों को बुलाया गया है. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार, झारखंड, बंगाल, ओडिशा जैसे राज्य आते हैं. खबरों की मानें तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को भी न्योता था, लेकिन वह यहां शिरकत नहीं करेंगे. नीतीश अपनी जगह तेजस्वी यादव को इस कार्यक्रम में शामिल होने भेज रहे.


पीएम को इग्नोर या तेजस्वी को आगे बढ़ाने की मंशा


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसी महीने कोलकाता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक बुलाई थी. इसमें भी नीतीश नहीं गए थे. उन्होंने तेजस्वी को भेजा था. इस बार भी नीतीश यही कर रहे हैं. नीतीश कई बार बोल चुके हैं कि अब तेजस्वी को आगे बढ़ाना है. इसी को सब देखना है. यह भी कह चुके हैं की 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ेगा. नीतीश कुमार ने 30 दिसंबर को कोलकाता खुद न जाकर तेजस्वी को भेजने का निर्णय लेकर यह संकेत दे रहे हैं कि वह तेजस्वी को आगे बढ़ा रहे हैं. इससे यह भी लग रहा कि वह एक इशारा कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि मैं जो बोलता हूं उसी दिशा में काम भी करता हूं.


साल 2024 के चुनाव पर भी नजर


अगस्त में एनडीए छोड़कर नीतीश ने महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी.  तब से वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व बीजेपी के बड़े नेताओं से मिलने से परहेज कर रहे हैं. उनकी नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी हैं. विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं. हाल ही में उन्होंने सोनिया व राहुल गांधी, शरद पवार, सीता राम येचुरी, ओम प्रकाश चौटाला, अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के बड़े नेताओं से मुलाकात भी की थी. विपक्ष के पीएम उम्मीदवार के तौर पर वह खुद को प्रोजेक्ट तो नहीं कर रहे लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में अपनी ताकतवर उपस्थित दर्ज कराना जरुर चाहते हैं. इसलिये कहीं न कहीं बिहार पर से धीरे धीरे फोकस कम कर केंद्र पर नजर रखना चाहते हैं. इसी क्रम में तेजस्वी को जिम्मेदारी भी दे रहे.


यह भी पढ़ें- Bihar Covid 19 Update: अब दलाई लामा से मिलने से पहले होगा कोविड टेस्ट, DM के निर्देश, लोगों से सतर्कता की अपील