विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने मंगलवार (26 अगस्त, 2025) को आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को लाभ पहुंचाने के लिए निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के 5,000 से अधिक निवासियों को बिहार के एक निकटवर्ती जिले में मतदाता के रूप में पंजीकृत किया है. एसआईआर के बीच इस बयान से अब एक नया विवाद शुरू हो गया है.
विपक्ष ने किस आधार पर लगाया आरोप?
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज कुमार झा ने मधुबनी जिले के फुलपरास में एक संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप लगाया. उन्होंने 45 वर्षीय एक व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल किए जाने का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि संदिग्ध मतदाता ज्यादातर पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि नगर विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में है, लेकिन वह उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के खड्डा विधानसभा क्षेत्र का मतदाता है. इस तरह के आरोपों के बाद सियासत तेज हो सकती है.
जिला प्रशासन की ओर से खारिज किया गया बयान
हालांकि, पश्चिम चंपारण जिला प्रशासन ने एक बयान जारी कर इस दावे को खारिज कर दिया, जिसे यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा साझा किया गया. बयान में कहा गया है, "यह एक मसौदा मतदाता सूची है जिसे निर्वाचन आयोग ने एक अगस्त को प्रकाशित किया है, न कि अंतिम मतदाता सूची. मसौदा सूची का उद्देश्य दोहराव या किसी अन्य विसंगति के संबंध में दावे और आपत्तियां आमंत्रित करना है."
जिला प्रशासन ने कहा, "इसके अलावा, संवाददाता सम्मेलन में 5,000 से ज्यादा संदिग्ध मतदाताओं का आंकड़ा बिना किसी और विवरण या सबूत के उछाला गया. यह एक काल्पनिक आंकड़ा लगता है जिसकी पुष्टि नहीं की जा सकती."
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