पटनाः प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों से पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए सरकार ने एक नीति लाई, जिसका नाम 'व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी' रखा गया है. इसके तहत वैसी प्राइवेट गाड़ियां जो 20 साल की हो गईं हैं या वह कॉमर्शियल वाहन जो 15 साल से पुराने हो गए हैं उन्हें स्क्रैप करने का फैसला लिया गया है. हालांकि, परिवहन विभाग की कुछ शर्तें हैं जिसके तहत इन पुरानी गाड़ियों को भी सड़कों पर लेकर सरपट दौड़ सकते हैं.

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इस संबंध में एबीपी बिहार की टीम ने पटना के जिला परिवहन पदाधिकारी पुरुषोत्तम कुमार से बातचीत की. इसपर उन्होंने कहा कि अगर प्राइवेट गाड़ी है और वह 20 साल की हो चुकी है तो वाहन मालिक फिर से रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देना होगा. उन्हें फॉर्म-25 भरकर जिला परिवाहन कार्यालय में जमा करना होगा. इसके बाद एमवीआई द्वारा वाहन की जांच करने के बाद ही प्रमाण पत्र दिया जाता है. अगर सब सही रहा तो रजिस्ट्रेशन हो सकता है.

पुरानी गाड़ियों के स्क्रैप के लिए बनाई गई नई नीति

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जिला परिवहन पदाधिकारी ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के लिए फिर से पांच साल का टैक्स लगता है जो कि वाहन के वैल्यू से पता चलता है. दरअसल, पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने के लिए सरकार ने नए नियम बनाए हैं. केंद्रीय सड़क राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से तैयार नीति का नाम 'व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी' रखा गया है.

कॉमर्शियल वाहनों की हर साल होती जांच

जहां तक कॉमर्शियल गाड़ियों का सवाल है उसको 15 वर्ष तक ही शहरों में चला सकते हैं . इसके बाद पटना नगर निगम क्षेत्र, दानापुर नगर परिषद, खगौल नगर परिषद और फुलवारीशरीफ नगर परिषद में संचालन नहीं कर सकते हैं. बाकी जगह आप आराम से परिचालन कर सकते हैं क्योकि कॉमर्शियल वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र हर साल दिया जाता है.

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