बिहार के कई इलाके बाढ़ के चलते प्रभावित हैं. पटना, समस्तीपुर सहित कई जिलों में निचले क्षेत्र वाले स्कूलों को बंद कर दिया गया है. इस बीच बुधवार (13 अगस्त, 2025) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिया.
मुख्यमंत्री ने राज्य की नदियों के जलस्तर की जानकारी ली. हाई लेवल मीटिंग में विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की ताजा जानकारी दी. नदियों के जलस्तर के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
25 लाख की आबादी प्रभावित
प्रत्यय अमृत ने बताया कि अधिक वर्षापात के कारण गंगा नदी के किनारे के 10 जिले भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से इन 10 जिलों के 54 प्रखंडों की 348 पंचायतों की 25 लाख आबादी प्रभावित हुई है.
अब तक क्या कुछ किया गया?
मुख्यमंत्री को बताया गया कि एनडीआरएफ की 7 टीमें और एसडीआरएफ की 9 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. इसके अलावा 60 मोटर बोट और 1233 नाव लगातार कार्यरत हैं. अब तक 52 हजार 573 पॉलीथीन शीट और 1800 सूखा राशन पैकेट प्रभावित लोगों के बीच बांटा गया है. अभी तक सामुदायिक रसोई केंद्र में 13 लाख से अधिक लोगों को भोजन कराया जा चुका है. जानवरों के लिए चारा एवं चिकित्सा की व्यवस्था की गई है.
दूसरी ओर बताया गया कि राज्य में अच्छी वर्षा के कारण किसानों को फायदा हुआ है. राज्य में अब तक 93 प्रतिशत धान की रोपनी हो चुकी है. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहे. प्रभावित लोगों को संवेदनशीलता के साथ मदद करें.
मुख्यमंत्री ने कहा, "बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच आनुग्रहिक राहत राशि का वितरण जल्द कराएं. बाढ़ के दौरान हुई फसल क्षति को लेकर किसानों के बीच राशि का भुगतान कराना सुनिश्चित करें. पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्स्थापन कार्य कराना सुनिश्चित करे."