पटना: महागठबंधन सरकार में आरजेडी कोटे से मंत्री रहे तेजस्वी (Tejashwi Yadav), रामानंद यादव (Ramanand Yadav) व ललित यादव (Lalit Yadav) के विभागों में हुए कामकाज की समीक्षा के फैसले के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. महागठबंधन के नेता सीएम नीतीश पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. आरजेडी विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि चावल घोटाला, सृजन घोटाला, दवा घोटाला कई तरह के घोटाले हुए. पीएमसीएच (PMCH) के अधीक्षक 31 जनवरी को रिटायर हो गए थे. डॉक्टर आइएस ठाकुर को आनन फानन में एक्सटेंशन दे दिया गया जबकि कई तरह के घपले घोटालों का आरोप उन पर है. इन सबकी जांच नहीं हुई हम लोग कोर्ट जाएंगे.


एनडीए सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हुआ- कांग्रेस


मुकेश रौशन ने कहा कि 2005 से नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री हैं. 17 साल में एनडीए सरकार के दौरान विभिन्न विभागों में जो काम काज हुआ उसकी समीक्षा व जांच हो. वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि एनडीए सरकार के 2005 से अब तक के कामकाज की समीक्षा और जांच हो. कई नेताओं ने सरकारी पैसों से कोठियां बनवाई. कोई पूल टूट जाता था तो दोबारा उसी ठेकेदार को पुल बनाने का ठेका दिया जाता था. एनडीए सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हुआ.


महागठबंधन के पास कुछ भी बोलने को नहीं है- बीजेपी


वहीं, इस पर बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने कहा कि महागठबंधन के पास कुछ भी बोलने को नहीं है. 2005 से अबतक एनडीए सरकार की यूएसपी ही रही है गुड गवर्नेंस. जब जब बिहार में एनडीए सरकार आई तब तब हर विभाग में पारदर्शी तरीके से, ईमानदारी से कामकाज हुआ. कामकाज पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. बिहार में एनडीए सरकार में गड़बड़ी कभी नहीं पाई गई. महागठबंधन वाले सत्ता से बाहर हो गए हैं इसलिए अब कुछ भी बयानबाजी कर रहे हैं.


महागठबंधन सरकार में आरजेडी कोटे से मंत्री रहे कुछ मंत्रियों के विभाग की कामकाज की समीक्षा होगी. इस आदेश से घबराहट क्यों है महागठबंधन में? यह तो एक सामान्य प्रक्रिया है. समीक्षा होने दीजिए.


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