Amit Shah In Bihar: बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बननी शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नवादा में हुई रैली के बाद माना जा रहा है कि बीजेपी ने राज्य में चुनावी बिगुल फूंक दिया है. इतना ही नहीं गृहमंत्री ने यहां तक संकेत दे दिए हैं कि पार्टी आगामी चुनावों में अकेले जाएगी. सूत्रों का दावा है कि बीजेपी की राज्य इकाई भी इसी मत की है कि यहां पार्टी अकेले चुनाव लड़े ताकि बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश सरीखे परिणाम आ सकें.

गृहमंत्री अमित शाह ने भी रविवार को इस बात के संकेत दिए. गृह मंत्री ने कहा- मैं एक बात स्पष्ट कर देता हूं कि चुनाव के परिणामों के बाद नीतीश बाबू और लल्लन बाबू को भाजपा में वापस नहीं लिया जाएगा. नीतीश बाबू और लल्लन बाबू के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. 

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'नीतीश ने अपने जीवन में कई पार्टियां बदलीं...'इसके अलावा गृहमंत्री ने कहा कि जातिवाद का जहर घोलने वाले नीतीश बाबू और जंगलराज के प्रणेता लालू प्रसाद... इन दोनों के साथ भाजपा कभी राजनीतिक सफर नहीं तय कर सकती. इतना ही नहीं गृहमंत्री ने यह भी कहा कि नीतीश बाबू आपने अपने जीवन में कई पार्टियां बदली हैं, कई लोगों को धोखा दिया हैं लेकिन जिस UPA में लालू के साथ आप गए हैं, उसने बिहार को क्या दिया? 

दीगर है कि बिहार में कुल 40 लोकसभा सीट हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव यहां बीजेपी को 17, जदयू को 16 और लोजपा (उस वक्त रामविलास पासवान पार्टी के नेता थे) को 6 सीटें मिली थीं. इसके साथ ही कांग्रेस के खाते में 1 सीट आई थी. वहीं लालू प्रसाद यादव की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनता दल का खाता भी नहीं खुला था. 

4 साल में बदल गई बिहार की सियासी तस्वीरगठबंधनवार बात करें तो भारतीय जनता पार्टी साल 2019 में जदयू और लोजपा के साथ चुनाव लड़ी थी और 40 में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि साल 2022 में जदयू ने बीजेपी के साथ अपने रास्ते अलग कर लिए और उसने फिर से राजद के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली.

साल 2019 के मुकाबले आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में तस्वीरें काफी बदल चुकी हैं. अब बिहार में बीजेपी के सामने जदयू-राजद और कांग्रेस का महागठबंधन है ऐसे में पार्टी के लिए अपनी राजनीतिक नैया पार लगाना कठिन है.