पटना: बिहार चुनाव में फ़िलहाल जो सबसे बड़ा सवाल आ खड़ा हुआ है, वो ये है कि आख़िर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसका अधिकार ज़्यादा है? सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि बीजेपी के साथ एनडीए में चुनाव लड़ रही जेडीयू और एनडीए से बाहर चुनाव लड़ रही एलजेपी, दोनों ही प्रधानमंत्री के प्रति निष्ठा जता रहे हैं.


पीएम मोदी के लिए मैं हनुमान की तरह- चिराग


इस बहस को और हवा मिली है पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की ओर से शुक्रवार को दिए गए एक बयान के चलते. चिराग पासवान ने कहा कि पीएम मोदी के लिए वो हनुमान की तरह हैं और पीएम उनके दिल में बसते हैं. लिहाजा उन्हें पीएम की तस्वीर लगाने की ज़रूरत नहीं है. इसके बाद बिहार में राजनीति गरमा गई है. ख़ासकर बीजेपी और जेडीयू खेमे में इसको लेकर हलचल तेज़ हो गई है. चिराग पासवान के बयान के बाद बीजेपी ने जवाब देते हुए साफ़ साफ कहा कि बिहार चुनाव में एलजेपी एक वोटकटवा पार्टी की तरह है.


मोदी के नाम का ज़िक्र जारी रखेगी एलजेपी


उधर एलजेपी कैम्प से ये ख़बर है कि पार्टी ने पीएम मोदी के नाम का ज़िक्र करना जारी रखने का फ़ैसला किया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ चिराग पासवान ने अपने नेताओं को ये स्पष्ट निर्देश दिया है कि इस मसले पर बैकफुट पर आने की ज़रूरत नहीं है. पार्टी का मत है कि केंद्र में अभी भी एलजेपी एनडीए का हिस्सा है, लिहाज़ा उनके नाम का उपयोग करने में कुछ भी गलत नहीं है. ज़ाहिर है आने वाले दिनों में पार्टी की तरफ़ से पीएम के प्रति निष्ठा और सम्मान दिखाने वाले अभी और ट्वीट और बयान सामने आएंगे.


वहीं, अब सबकी नजर बिहार में पीएम मोदी की होने वाली सभाओं पर होगी. पीएम 23 अक्टूबर को सासाराम से एनडीए के लिए अपने अभियान का आगाज़ करेंगे. सासाराम का चयन इसलिए किया गया है, क्योंकि उस सीट से जेडीयू का उम्मीदवार खड़ा है जिसके ख़िलाफ़ एलजेपी भी मैदान में है. बीजेपी से ज़्यादा जेडीयू को ये उम्मीद होगी कि मोदी इस उहापोह को समाप्त करने के लिए कोई सीधा सीधा बयान देंगे.


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