पटना: एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान इन दिनों बिहार की राजनीति में थोड़े कम सक्रिय हैं. हालांकि, अब भी वो सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते. इसी क्रम में गुरुवार को फिर एक बार उन्होंने सूबे के मुखिया पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्हें डर है कि बिहार कहीं बुजुर्ग प्रदेश बनकर ना रह जाए. बिहार कहीं ऐसा राज्य ना बन जाए जहां युवा रहना ही ना चाहें.


बिहार को कोई नहीं बचा सकता


उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य में ऐसे पर परिवार जो सक्षम हैं, वो अपने बेटे-बेटियों को यहां पढ़ाना नहीं चाहते. वहीं, जो बाहर पढ़ने जाते हैं, वो वहीं के होकर रह जाते हैं. ये हर बिहारी का सवाल है. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री ऐसी मुद्दे पर आंखे बंद कर बैठे हुए हैं. अब भी अगर वो अपनी आंखें नहीं खोलेंगे तो बिहार को बर्बादी के कागार पर जाने से कोई नहीं बचा सकता.


अपराध पर रोक लगाए सीएम नीतीश


बिहार बजट को लेकर उन्होंने कहा कि बजट में सात निश्चय पार्ट-2 के लिए प्रावधान किया गया है, जो भ्रष्टाचार का अड्डा है. पिछले सात निश्चय योजना में क्या हुआ? नल-जल योजना से एक भी गांव के लोग संतुष्ट नहीं हैं. कहीं गुणवत्ता का खयाल नहीं रखा गया. ऐसे में वो फिर से बिहार के मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उनसे आग्रह है कि वो भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करें. साथ ही अपराध पर भी रोक लगाएं.


चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री कभी भी दलित के हितैषी नहीं रहे हैं. उन्होंने तो अनुसूचित जाति को बांटने की साजिश की और बांटकर अपना वोट बैंक बनाया. उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भी वोट बैंक बनाने की कोशिश की है. एक सेक्युलर छवि दिखाकर उन्होंने समाज को बांटा है. वहीं, जब चुनाव में अल्पसंख्यक का साथ नहीं मिला तो बदले की भावना से उनके लिए बजट में कुछ खास नहीं किया गया.


नीतीश कुमार मुझसे क्यों घबरा रहे?


वहीं, नीतीश द्वारा उन्हें टारगेट करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो मुझे टारगेट पर लेकर क्या करेंगे? क्या उन्होंने मेरी पार्टी तोड़ दी? क्या उन्होंने मुझे खत्म कर दिया? अगर मुझे खत्म ही कर ही दिया तो वो मुझसे घबरा क्यों रहे हैं? वो क्यों मेरी पार्टी को इतनी अहमियत क्यों दे रहे हैं? क्यों मेरे पार्टी के लोगों को अपने साथ कर रहे हैं?


उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को ये भी बताना चाहता हूं कि उन्होंने जो जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को दी है, वो भी उनके साथ विश्वासघात कर रहे हैं. आरसीपी जी मुख्यमंत्री को धोखा दे रहे हैं या वो खुद भी धोखे में हैं. जहां तक एलजेपी की बात है तो एलजेपी ने संघर्ष का रास्ता चुना है. हमारी लड़ाई बिहार की अस्मिता की है, जिन्हें आराम और सुख चाहिए वो जहां जाना चाहते हैं जाएं.


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