कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के 17 अगस्त से प्रस्तावित 'वोटर अधिकार यात्रा' को लेकर बीजेपी और जेडीयू ने जोरदार निशाना साधा है. इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने कहा कि यह यात्रा बिहार के मतदाताओं के मतदान अधिकार को लेकर है, लेकिन इस यात्रा के जिला समन्वयकों की सूची में एक भी बिहार के नेता का नाम नहीं है.
25 जिलों में हुई है समन्वयक की नियुक्ति
दरअसल, राहुल गांधी की यह यात्रा रोहतास जिले से शुरू होगी और विभिन्न जिलों में जाएगी. कांग्रेस ने इस यात्रा को लेकर 25 जिलों में एक-एक समन्वयक की नियुक्ति की है. इसे लेकर अब सवाल उठाए जा रहे हैं. बीजेपी और जेडीयू का कहना है कि जिन नेताओं को समन्वयक के तौर पर नियुक्ति की गई है, उनमें से एक भी बिहार के नहीं हैं.
'क्या बिहार के लोग प्रबंधन नहीं कर सकते थे?'
जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यह यात्रा बिहार में होनी है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी बिहार के नेताओं को नहीं दी गई है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या बिहार के लोग प्रबंधन नहीं कर सकते थे? उन्होंने कहा, "वे बिहार के लिए आ रहे हैं और बिहार के नेताओं की राजनीतिक योग्यता की बलि चढ़ा दी."
नीरज कुमार ने कहा कि यह साफ है कि उन्हें बिहारियों पर भरोसा नहीं है. बिहारी कभी बोझ नहीं बनता. उन्होंने कहा कि इस समन्वयकों की सूची में 25 नाम हैं, लेकिन एक भी बिहार के नेता के नाम नहीं हैं. उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि राहुल गांधी बिहार आ रहे हैं, वे यहां कम से कम 25 जिलों में जाएंगे, लेकिन समन्वयक अन्य राज्यों के नेताओं को बनाया गया है.
उन्होंने कहा, "बिहारियों से इतनी नफरत हो गई है? उन्होंने कहा कि रोहतास में पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सभा में भीड़ नहीं पहुंची थी, इस कारण बिहारियों से यह कांग्रेस की नफरत है."