पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने म्यूटेशन अपील मामले में बदलाव लाया है. दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन में सुधार किया गया है. इसमें सबसे बड़ी बात है कि साल 2006-07 की समय सीमा समाप्त कर दी गई है. इस नए बदलाव में 16 साल पुराने मामले को भी ऑनलाइन निपटाया जाएगा. इसके लिए किसान डीसीएलआर कोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं. वही सॉफ्टवेयर में भी कुछ जरूरी अमेंडमेंट किया गया है. इसके लिए विभाग ने फीफो लागू किया है और सभी रिजेक्टेड मामलों का निपटारा ऑनलाइन किया जाएगा. इसमें समय सीमा भी हटा दी गई है जिससे रिजेक्टेड मामलों को 30 दिन के भीतर डीसीएलआर कोर्ट में अपील दायर कर सकते.


2006 के पहले के मामलों का भी होगा म्यूटेशन


राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी कलेक्टर को पत्र लिखा है. पत्र में सभी डीसीएलआर को निर्देशित किया है कि म्यूटेशन की प्रक्रिया को नए तरीके से निपटाया जाए और 2006-07 के पहले के मामलों को भी ऑनलाइन किया जाए. इसके पहले ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया शुरू की गई थी तो 2006 के बाद के मामलों को ही निपटाया जा रहा था. अगर सीओ द्वारा दाखिल खारिज को रिजेक्ट कर दिया जाता है तो उस परिस्थिति में डिप्टी कलेक्टर को म्यूटेशन मामले में सुनवाई करने का अधिकार है. साल 2006-07 की समय सीमा पर जो रोक लगी थी उसे आम लोगों की सुविधा को देख कर हटा दिया गया है.


रिजेक्ट मामले का भी होगा ऑनलाइन आवेदन


अभी तक म्यूटेशन मामले में एक करोड़ से अधिक ऑनलाइन आवेदन दिए थे इनमें से करीब करीब एक तिहाई मामले किसी अन्य कारणों से रिजेक्ट कर दिए गए. इस पर ही लोगों की मांग थी कि सभी पुराने मामलों में ऑनलाइन आवेदन देने की सुविधा दी जाए जिससे लोगों को सुविधा मिले. समस्याओं को देखते हुए ये व्यवस्था की गई है. अब लोगों के लिए सुविधा हो गई है कि जितने भी रिजेक्टेड मामले हैं उसका ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है और काफी लोगों को इससे काफी फायदा होगा.


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