पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का बहुत जल्द किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) होना है. उनकी बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) अपनी किडनी देंगी. ऐसी चर्चा है कि 24 या 25 नवंबर को ही लालू सिंगापुर जाएंगे. सवाल है कि दर्जनों बीमारियों से जूझ रहे लालू प्रसाद यादव किडनी मिलने के बाद कितना स्वस्थ होंगे? रोहिणी आचार्य को क्या दिक्कतें होंगी? एक किडनी पर इंसान कितने दिनों तक जिंदा रह सकता है?


पटना के गार्डिनर रोड अस्पताल से रिटायर्ड और सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग के  डायरेक्टर के रूप में रह चुके फिजीशियन डॉक्टर नवीन चंद्र प्रसाद जो किडनी के लिए जानकार माने जाते हैं उनसे एबीपी न्यूज़ ने बात की. डॉ. एनसी प्रसाद ने कहा कि किडनी डोनेट करने से कोई दिक्कत नहीं होती है. मनुष्य के शरीर में दो किडनियां हैं लेकिन एक ही किडनी काम करता है. कई ऐसे लोग होते हैं जिनका जन्म से ही एक ही किडनी होती और पूरा जीवन जी लेते हैं.


कौन कर सकता है डोनेट?


डॉक्टर एनसी प्रसाद ने कहा कि अगर एक किडनी खराब होता है तो उसका दूसरे वाले पर भी असर पड़ता है. एक ही किडनी से सिर्फ कैंसर और किडनी स्टोन की बीमारी में दिक्कत होती है. एक किडनी डोनेट करने वाले को कोई परेशानी नहीं हो सकती है लेकिन जो किडनी दे रहा है पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए.


किडनी डोनेट के बाद किन चीजों का रखना पड़ता है ख्याल?


डॉक्टर का कहना है कि किडनी डोनेट करने के बाद कई बातों का ख्याल रखना पड़ता है. हमेशा डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है. डॉ. एनसी प्रसाद ने कहा कि किडनी डोनेट करने के बाद ब्लड प्रेशर, यूरिन टेस्ट, ब्लड यूरिया की जांच और साल में एक बार चिकित्सक से मिलकर सभी तरह की जांच करानी चाहिए.


एनसी प्रसाद ने कहा कि किडनी डोनेट करने वाले को अगर ब्लड प्रेशर या यूरिन में कुछ प्रॉब्लम होता है तो उसके लिए खतरनाक हो सकता है. किडनी लेने वाले को हमेशा डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है. ऐसे में लालू प्रसाद यादव अगर किडनी लेते हैं तो उन्हें और रोहिणी आचार्य दोनों को डॉक्टर के संपर्क में हमेशा रहना पड़ेगा.


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