रांची: झारखंड में बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जेल नियमावली और कानून का उल्लंघन कर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को लोगों से मिलने की सुविधा दी जा रही है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद से नेताओं की मुलाकात का सिलसिला लगातार जारी है और इस दौरान जेल नियमावली और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.


प्रतुल ने कहा कि राज्य के जेल महानिरीक्षक ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि रिम्स निदेशक के 'केली बंग्ले' को जेल नहीं माना जा सकता है. प्रतुल ने कहा यह बयान पूरी तरह से निराधार है क्योंकि उच्च न्यायालय ने अपने 24 अगस्त 2018 के आदेश में लालू प्रसाद को रिम्स में इलाज करने की सुविधा देते हुए यह टिप्पणी की थी यह इलाज रांची में न्यायिक हिरासत में हो.


प्रतुल ने आरोप लगाया, ''लालू से मुलाकातियों की मुलाकात के दौरान भी जेल नियमावली का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है. लोग बेधड़क उनसे मिलते हैं और राजनीतिक बातें भी होती हैं और कोई जेल का अधिकारी भी मौजूद नहीं रहता.''


राज्य के जेल महानिरीक्षक वीरेन्द्र भूषण ने कही ये बात


बीजेपी के इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राज्य के जेल महानिरीक्षक वीरेन्द्र भूषण ने स्पष्ट किया, ''लालू यादव न्यायिक हिरासत में हैं लेकिन वह जेल प्रशासन की हिरासत में न होकर इस समय रिम्स में जिला प्रशासन की निगरानी में हैं. लिहाजा उनसे मुलाकातियों के निर्णय के अलावा अन्य निर्णय जिला प्रशासन ही लेता है.''


भूषण ने कहा, ''लालू यादव से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जब मिले तो वह स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर रिम्स के विशेष वार्ड के रूप में घोषित निदेशक के 'केली बंग्ले' की व्यवस्था का निरीक्षण करने गये थे. ऐसे में उन पर कोई भी कैसे रोक लगा सकता है?''


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