बिहार के आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की नई टीम शनिवार को तैयार हो गई. टीम में चार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. मुसलमान और दलित समाज को भी जगह मिली है.
बनाए गए चार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
इसके अलावा महबूब अली कैसर और उदय नारायण चौधरी भी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. चार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष में एक लालू परिवार (यादव) से, दूसरा सवर्ण (राजपूत) से, तीसरा मुसलमान और चौथा दलित समाज से है.
अब्दुल बारी सिद्दीकी पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बनाए गए हैं. सुनील कुमार सिंह एक बार फिर पार्टी के कोषाध्यक्ष होंगे. 12 राष्ट्रीय महासचिव और 10 सचिव बनाए गए हैं. राबड़ी देवी और उदय नारायण चौधरी पहले भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे. जगदानंद सिंह और महबूब अली कैसर पहली बार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने हैं.
वहीं जय प्रकाश नारायण यादव, डॉ नीलोहितदास (पूर्व एमए) भोला यादव, ललित कुमार यादव (विधायक), कुमार सर्वजीत (विधायक), सैयद फैसल अली (एमएलसी), अभय सिंह (झारखंड), सुखदेव पासवान, सुशीला मोराले, अनु चाको (केरल), अलख निरंजन उर्फ बीनू यादव, रेनू कुशवाहा महासचिव बनाए गए हैं.
जबकि सचिव में यदुवंश कुमार यादव, लाल रत्नाकर, भारत भूषण मंडल (विधायक), कार्तिकेय कुमार सिंह (एमएलसी), विजय वर्मा (मधेपुरा), संतोष कुमार जयसवाल (दिल्ली), संजय ठाकुर (मुजफ्फरपुर), राजेंद्र राम (पूर्व विधायक), स्वीटी सिमा हेम्ब्रम (पूर्व विधायक), सुरेंद्र राम (विधायक) के नाम शामिल हैं. बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए नियुक्तियों में सामाजिक समीकरण का खासा ध्यान रखा गया है.
आरजेडी की स्थिति मजबूत
इस कवायद से चुनाव में कितना लाभ होगा यह समय ही बताएगा, लेकिन आरजेडी संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है. वहीं महागठबंधन के सीएम फेस तो तेजस्वी यादव पहले से ही हैं. साथ ही वो कोर्डिनेशन कमिटी के अध्यक्ष भी हैं. चुनाव से संबंधित हर फैसला लेने के लिये अधिकृत हैं. इस तरह देखा जाए तो विपक्ष के तौर पर आरजेडी की स्थिति इस समय मजबूत नजर आती है, जो 2020 के चुनाव में भी थी.