Lalu Prasad Yadav News: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं. रांची (Ranchi) में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने डोरंडा ट्रेजरी केस (Doranda treasury Case) में राजद प्रमुख को दोषी ठहराया है. अदालत के इस फैसले के बाद पूर्व रेल मंत्री अब फिर से पुलिस कस्टडी में रहेंगे. इस मामले में 99 लोग आरोपी थे जिनमें से 75 लोग दोषी करार दिए गए हैं और 24 बरी कर दिए गए हैं. अदालत अब 21 फरवरी को सजा का एलान करेगी.


लालू यादव इसी मामले में बीते कुछ महीनों से जमानत पर हैं. हालांकि अब उनकी जमानत अदालत के अगले फैसले पर टिकी हुई है.


आइए हम आपको बताते हैं कि यह डोरंडा ट्रेजरी केस क्या है-


दरअसल, यह पूरा मामला 139.35 करोड़ रुपये की निकासी का है. साल 1990-1992 के दौरान बड़े स्तर पर घोटाला हुआ था. इसमें पशुओं को स्कूटर और मोटरसाइकिल से ढोया गया था. अफसरों और नेताओं की मिलीभगत ने ऐसा घोटाला कर दिया कि 400 सांड़ो को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल से ढोया गया. इसका मतलब है कि पशु विभाग ने अपनी रिपोर्ट में जिन गाड़ियों का नंबर दिया था, वह मोटरसाइकिल और स्कूटर के नंबर थे.


सीबीआई की जांच में दावा किया गया है कि पशुओं के चारे, जैसे- बादाम, खरी, नमक, पीली मकई सरीखे कई टन वस्तुओं को स्कूटर, मोटरसाइकिल और उस जमाने में चलने वाली गाड़ी मोपेड का नंबर दिया गया था.


170 लोग थे आरोपी
जांच के दौरान पता चला कि इन दो सालों में 2 लाख 35 हजार में 50 सांड़, 14 लाख 4 हजार से अधिक की कीमत में 163 सांड़ और बछिया की खरीद हुई.


साल 1996 में दर्ज इस मामले में कुल 170 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से 55 की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बनाया है. अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले ही दो आरोपियों ने आरोप कबूल कर लिया, जबकि छह आरोपी आज तक फरार हैं.


सीबीआई ने 53 अलग-अलग मामले दर्ज किए
मामले के अन्य प्रमुख आरोपियों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, बिहार के तत्कालीन पशुपालन सचिव डॉ. आर के राणा, बेक जूलियस और पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक केएम प्रसाद शामिल हैं. इससे पहले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को सामूहिक रूप से सत्ताईस साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. हालांकि इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.


950 करोड़ रुपये का चारा घोटाला बिहार के पशुपालन विभाग में लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान हुआ था. सीबीआई ने घोटाले की जांच के लिए 1996 में 53 अलग-अलग मामले दर्ज किए थे.


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