सुपौल: एक तरफ शिक्षा विभाग (Education Department) की ओर से व्यवस्था में सुधार को लेकर रोज कुछ न कुछ निर्देश जारी हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर लापरवाही भी बरती जा रही है. खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) अलर्ट कर रहे हैं, जिलों में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन इतनी सख्ती के बाद भी व्यवस्था में कमियां दिख रही हैं. मामला सुपौल जिले का है जहां एक गलती पर 9 हेडमास्टरों की नौकरी पर गाज गिर सकती है.


पत्र के जरिए की गई कार्रवाई की अनुशंसा


सुपौल जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से इस संबंध में 21 दिसंबर को एक पत्र जारी हुआ है. यह पत्र अब सामने आया है. इसके जरिए प्राथमिक शिक्षा एवं शिक्षा अभियान के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने डीपीओ स्थापना राहुल चंद्र चौधरी को कहा है कि हर स्कूलों में कम से कम दो शौचालय का निर्माण होना है, लेकिन जिले के 9 स्कूलों में इसकी व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में उन्होंने कार्रवाई की अनुसंशा की है.


इन नौ विद्यालयों का नाम लिस्ट में शामिल



  • मध्य विद्यालय कहरवाना

  • प्रावि कनचीरा छातापुर

  • यूएमएस मोतीपुर कन्या राघोपुर

  • प्रावि लक्ष्मीनिया सुपौल

  • प्रावि घोरे राघोपुर

  • प्रावि अमहा चौघरा

  • कन्या प्रावि ब्रह्मपुर

  • यूएमएस सिमराहा मरौना

  • उर्दू मध्य विद्यालय बौराहा राघोपुर


क्या कहते हैं डीपीओ एसएसए प्रवीण कुमार?


डीपीओ एसएसए प्रवीण कुमार ने इस मामले में बताया कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर जिले के 9 स्कूलों में शौचालय निर्माण कार्य में लापरवाही को लेकर डीपीओ स्थापना को पत्र जारी किया गया है. विद्यालय प्रधान के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है. वहीं इसको लेकर जब डीपीओ स्थापना राहुल चंद्र चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है. अगर कोई पत्र प्राप्त होता है तो उसके आलोक में कार्रवाई की जाएगी.


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