केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार विधानसभा सत्र के दौरान मौजूद नहीं रहने पर तेजस्वी यादव को घेरा है. उन्होंने तेजस्वी के अपने परिवार के साथ घूमने निकलने पर तंज कसते हुए कहा कि यह बिहार का दुर्भाग्य है. अब तो यह युवराज नहीं है. अब तो वो दाम्पत्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं लेकिन इनकी आदत नहीं छूटी है. वो सैर करने के लिए विदेश में चले जाते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि लाज और शर्म से वो सदन सत्र के दौरान गए बाहर घूमने के लिए गए हैं. अपनी हार छिपाने के लिए उन्होंने ऐसा किया है.
उन्होंने आगे कहा, ''राहुल गांधी भी वही हैं. इनलोगों का भारत के लोगों से, मतदाताओं के लिए कोई फिक्र नहीं है. वह अपना मौज करने के लिए निकल जाते है. तेजस्वी यादव इतना ओवर कॉन्फिडेंट हो गए थे कि वह शैडो मंत्रिमंडल बना लिए थे. पदाधिकारियों के पोस्टिंग की लिस्ट बना लिए थे. उन्होंने कहा था कि 18 नवंबर को हम मंत्रिमंडल का शपथ लेंगे लेकिन उल्टा पड़ गया.''
अपनी हार को छिपाने तेजस्वी बाहर गए- जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी ने ये भी कहा, ''आज अगर अगल बगल के लोगों को मिलाते नहीं तो शायद विपक्ष के नेता का पद भी नहीं मिलता. गठबंधन में हैं इसलिए उनको पद भी मिल गया. शायद लाज शर्म से कि सदन में क्या बोलेंगे इसलिए वो दिमाग बहलाने के लिए बाहर चले गए हैं. अपनी हार को छिपाने और हार से लज्जित होकर उन्होंने ऐसा किया है.''
बाबरी मस्जिद के नाम से सांप्रदायिकता की बू- जीतन राम मांझी
कांग्रेस के उस बयान पर कि बीजेपी पंडित जवाहर लाल नेहरू के इतिहास को मिटाना चाहती है. जीतन राम मांझी ने कहा, ''बाबरी मस्जिद बनाने का वह समय कुछ था. आज समय कुछ है. आज बाबरी मस्जिद के नाम से कोई मस्जिद बना दें. इतना मस्जिद बन रहा है कोई नाम नहीं लेता है लेकिन बाबरी मस्जिद के नाम से एक सांप्रदायिकता की बू आती है. सांप्रदायिक भावना में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी होती है तो ऐसा नहीं होना चाहिए. जवाहर लाल नेहरू जिस समय बाबरी मस्जिद बना रहे होंगे, उस समय इस प्रकार की बातें नहीं थी. अगर बन गया होता तो बन गया होता. कौन रोका था. वह भी पीएम रहे थे.
SIR पर जीतन राम मांझी ने ममता बनर्जी को घेरा
जब उनसे सवाल किया गया कि बंगाल में SIR को लेकर टीएमसी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि मतदाताओं को बरगलाया जा रहा है. इस पर उन्होंने कहा, ''ममता बनर्जी ने बिहार की हालत देख ली है कि SIR हुआ तो 65 से 67 लाख जो मतदाता थे जो वोगस वोटर थे, वह छंट गए. सब 'इंडिया' गठबंधन के लोगों को देते थे. जिसके कारण आज 'इंडिया' गठबंधन गर्त में चला गया है. वैसे ही वहां हो रहा है, जो हमारी सीमा है उससे बाहर के लोग आकर 20 से 25 साल से बसे हैं. वह वोटर हो गए हैं.''
'सिर्फ भारत के नागरिक वोट का अधिकार'
उन्होंने आगे कहा, ''भारतीय संविधान कहता है कि जो यहां जन्मे हुए हैं वहीं वोटर हो सकते हैं. SIR अपना काम, मतदाता का शुद्धिकरण कर रही है. जो विशुद्ध भारत का नागरिक है उसी को वोट देने का अधिकार है. जो मर गया है उसके नाम से वोट देने का अधिकार नहीं है. इससे वहीं डरेगा जो गलत वोटर से सत्ता का सुख ले रहा है इसलिए ममता दीदी घबरा रही हैं.''
केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा, ''ममता बनर्जी जान रही हैं कि SIR हुआ तो बिहार में जैसे तेजस्वी का हश्र हुआ है उनका भी यही हश्र होने वाला है. उसी प्रकार से बंगाल में बीएलओ का जहां तक सवाल है, वहां ज्यादा काम हो गया होगा. काम का बंटवारा हो जाएगा तो हमारे बीएलओ नहीं मरेंगे.''