केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर चिराग पासवान को लेकर तंज कसा है. शनिवार को उन्होंने जेपी नड्डा के बिहार दौरे पर बोलते हुए एक ऐसी बात कह दी, जो चिराग पासवान पर निशाने की तरह लगती है. इससे पहले भी वो चिराग पासवान को लेकर कई बयान दे चुके हैं.
'टिकट को लेकर कोई खींचतान नहीं'
दरअसल जीतन राम मांझी ने गयाजी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि घटक दलों के बीच टिकट को लेकर कोई खींचतान नहीं है. यहां सिर्फ नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की बात चल रही है. दोनों जिसको जितनी सीट कह देंगे. उसी पर सब लोग लड़ेंगे, अगर इसके विरुद्ध भी किसी को ताकत आजमाना है, तो आजमा लें. उसमें छूट है उनको.
आपको बता दें कि इससे पहले भी जीतन राम मांझी ने कहा था कि "चिराग पासवान को जो सीट दी जाएगी, वह स्वीकार करेंगे. चिराग पासवान 2020 के चुनाव में अपना हाल देख चुके हैं." यानी उनका ये बयान भी सीधे-सीधे चिराग पासवान पर है, जो गठबंधन में सीट शेयरिंग के लेकर असंतुष्ट हैं.
जेपी नड्डा के बिहार आगमन पर उन्होंने कहा कि वह बाजेपी के अध्यक्ष हैं. जब आए हैं तो स्वाभाविक है कि राजनीतिक बातें भी होगीं. चुनाव की तिथि भी नजदीक है, तो ऐसे में सीट शेयरिंग की बात भी होगी. अगर एनडीए से बात करनी की बात होगी तो हमलोग भी अपनी बात जाकर कहेंगे. इसलिए जब यहां आएं हैं तो जरूर चुनाव का समय है तो सीट शेयरिंग की बात होगी. घटक दलों के बीच टिकट को लेकर कोई खींचतान नहीं है.
'जिसे दिन में नहीं दिखता है, वही पक्षी हैं वो'
वहीं तेजस्वी यादव के जरिए बिहार में बिहार अधिकार यात्रा निकालने पर कहा कि पश्चाताप यात्रा निकालनी चाहिए. इसलिए कि उनके माता पिता जो कर्म किए हैं, उसका दंश आज भी हमलोग झेल रहे हैं. ओबीसी को रहने के लिए सरकार ने जमीन दी है, तेजस्वी यादव के लोगों के कब्जे में 70% है. वह जाकर पश्चाताप करें.
विधि व्यवस्था पर सवाल उठाने पर कहा कि विधि व्यवस्था पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. मैं साक्षी हूं, जब चोरी अपहरण होता था तो एक अन्ने मार्ग में समझौता कराते थे. कुछ पैसा दे दीजिए आदमी छूट जाएगा. आज यह किसी की हिम्मत है क्या? कोई जातीय दंगा और धार्मिक उन्माद हुआ है क्या? एक पक्षी है, जिसे दिन में नहीं दिखता है. शायद वही पक्षी हैं वो.