जहानाबादः हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के पुत्र संतोष कुमार सुमन (Santosh Kumar Suman) अपने पिता की बातों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. आरक्षण और धार्मिक जुलूस को लेकर दिए गए पिता की बातों से अपने को अलग करते हुए कहा कि संविधान में सबको अपनी-अपनी बात रखने का अधिकार है. मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि उनकी राय अलग है और मेरी राय अलग है.


मांझी कई बार दे चुके हैं इस तरह के बयान


संतोष कुमार सुमन हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद मंगलवार को पहली बार जहानाबाद सर्किट हाउस पहुंचे थे. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भगवान राम, आरक्षण और धार्मिक जुलूस पर प्रतिबंध लगाने सहित इस तरह के कई बयान दे चुके हैं और गठबंधन की सरकार में असहज स्थिति लाते रहते हैं.


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जीतनराम मांझी ने हाल में देश में बढ़ें साम्प्रदायिक तनाव को लेकर धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर अपरोक्ष रूप से बीजेपी पर हमला बोला था. आरक्षण और धार्मिक जुलूस को लेकर दिए गए पिता के बयान पर जब सवाल किया गया तो संतोष कुमार सुमन ने अपनी राय बताई.


'सबको साथ लेकर चलने में रखते हैं विश्वास'


मंत्री संतोष कुमार सुमन ने इस दौरान कई मुद्दों पर अपनी बात मीडिया के सामने रखी. जीतन राम मांझी के बयान से असहज की स्थिति के सवाल पर उन्होंने कहा कि संविधान के तहत सबको बोलने का अधिकार है. यह उनका व्यक्तिगत मामला है. इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. 


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