जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में दिए गए अभिभाषण के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधा. JDU की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और महनार से विधायक उमेश सिंह कुशवाहा ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता का यह रवैया 'कुछ नया नहीं' है और सदन की कार्यवाही के प्रति उनकी 'उदासीनता' के कई उदाहरण उनके 'ट्रैक रिकॉर्ड' में मिल जाते हैं.

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उमेश कुशवाहा ने पूर्व उप मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, “इस बार तो वह किसी तरह नेता प्रतिपक्ष बनने में कामयाब रहे लेकिन अगर उन्होंने अपने तौर-तरीके नहीं सुधारे तो अगली बार स्थिति ऐसी भी हो सकती है कि उनके पास इस पद के लिए जरूरी संख्या बल भी न बचे.”

जानकारी के लिए बता दें कि नियमों के अनुसार, 243 सदस्यीय विधानसभा में किसी दल के पास कम से कम 10 प्रतिशत यानी 24 सदस्य होने चाहिए, तभी उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल सकता है.

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'लालू परिवार की सुरक्षा में लगे 160 पुलिसकर्मी'

JDU प्रवक्ता और विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने कहा, “तेजस्वी यादव कहां गायब हैं? क्या वे किसी मामले में अदालत में पेश होने गए हैं या हालिया चुनाव में मिली करारी हार की शर्म उन्हें घेरे हुए है? उनके परिवार की सुरक्षा में 160 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं, फिर भी वे दिखाई नहीं दे रहे.”

RJD ने क्या कहा?

तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी पर RJD ने सफाई भी पेश की थी. विधान परिषद सदस्य उर्मिल ठाकुर ने कहा था कि जब सदन में कोई बहस ही नहीं होनी थी तो तेजस्वी यादव के होने या न होने से क्या असर पड़ता? आरजेडी प्रमुख पर निशाना साधने वालों को जवाब देते हुए उर्मिल ठाकुर ने कहा कि इन लोगों की राजनीति बिना तेजस्वी का नाम लिए पूरी ही नहीं होती. इसे कोई मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए था. आरजेडी के अन्य विधायक वहां मौजूद थे.