Prashant Kishor News: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर रविवार को नीतीश कुमार की वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार के खिलाफ "बदलाव का हस्ताक्षर" अभियान शुरू करने नालंदा पहुंचे. नालंदा में नीतीश कुमार के गांव कल्याण बिगहा पहुंचने पर पुलिस प्रशासन ने प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री के गांव में घुसने नहीं दिया. इस दौरान पीके की एसडीए से काफी बहस हो गई. पीके ने कहा कि यहां लोकतंत्र है, कोई ब्रिटिश राज है?
एसडीएम से पीके की हुई लंबी बहस
एसडीएम के साथ हुई बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा, "क्या आप मुझे गांव में प्रवेश करने से रोकेंगे? क्या मुझे गांव में जाने के लिए आपकी अनुमति की आवश्यकता है? जब मैं अन्य गांवों में गया था तो क्या वहां कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं थी? मैं चाहता हूं कि आप इसे लिखित में दें. क्या आप लोगों को इकट्ठा करके मुझे धमका रहे हैं?... हम कानून का पालन करने वाले लोग हैं..."
वहीं एसडीएम ने कहा, "आपको अनुमति की आवश्यकता है क्योंकि कानून-व्यवस्था की स्थिति हो सकती है... अगर मेरा इरादा आपको रोकने का होता, तो मैं आपको बिहारशरीफ में ही रोक लेता."
प्रशासन के जरिए कल्याण बिगहा गांव में प्रवेश से रोके जाने के बाद प्रशांत किशोर ने बिहारशरीफ में जनसभा को संबोधित किया. जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नालंदा बिहार के लाडले मुख्यमंत्री का गृह जिला है. कहा जाता है कि उन्होंने नालंदा में बहुत विकास कार्य किए हैं. हम उन्हीं के विकास कार्य को देखने उनके गांव कल्याण बिगहा जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें उनके गांव में घुसने नहीं दिया.
ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम उनके गांव जा रहे थे तो रास्ते में मिले लोगों ने बताया कि पूरे बिहार में बहुत भ्रष्टाचार है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में अधिकारी और नेता राशन कार्ड बनाने से लेकर जमीन की रसीद कटाने तक के लिए रिश्वत ले रहे हैं, जिससे आम लोग परेशान हैं.
'अपने बच्चों के चेहरे को देखकर वोट दीजिए'
उन्होंने लोगों से कहा कि अगली बार वोट लालू, नीतीश और मोदी के चेहरे पर नहीं अपने बच्चों के चेहरे को देखकर दीजिएगा. उन्होंने बिहार शरीफ की जनता से अपील की कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें. अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें.
दरअसल, अपनी चुनावी रणनीति के तहत पीके 'बिहार बदलाव हस्ताक्षर अभियान' चला रहे हैं, जिसमें वो सीएम नीतीश की साख परखेंगे। वो लोगों से तीन सवाल पूछ रहे हैं. नीतीश कुमार ने पिछड़ों और वंचितों के लिए विकास के बड़े-बड़े दावे किए हैं। जमीन देने और घर बनाने जैसे कई वादे किए गए हैं, ये सभी पूरे हुए या नहीं, वो इन दावों का रियलिटी चेक कर रहे हैं.
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