बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान जिस महिला आयुष चिकित्सक नुसरत परवीन का हिजाब हटाया था वो बिहार छोड़कर अपने परिवार के पास चली गई हैं. हिजाब हटाने और बिहार छोड़े जाने को लेकर लगातार सियासत भी हो रही है. विपक्ष सरकार को घेर रहा है तो वहीं सत्ता में बैठे नेताओं का कहना है कि वो (महिला चिकित्सक नुसरत परवीन) नौकरी करें या जहन्नुम में जाएं. इस बीच शुक्रवार (19 दिसंबर, 2025) को एबीपी न्यूज़ की टीम वहां पहुंची जहां से नुसरत परवीन पीजी कर रही हैं. 

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पटना के कदमकुआं इलाके में राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल है. यहां पहुंचने के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल महफूजुर रहमान एवं नुसरत परवीन के साथ पढ़ने वाली बच्चियों से बातचीत की गई. राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल से पीजी करने के साथ-साथ वे यहीं प्रैक्टिस भी कर रही हैं. हालांकि हिजाब वाली घटना के बाद से उन्होंने यहां आना बंद कर दिया है.

प्रिंसिपल ने की नुसरत परवीन की सराहना

प्रिंसिपल महफूजुर रहमान ने कहा कि नुसरत परवीन पढ़ाई में बेहद अच्छी छात्रा हैं. कॉलेज में उनका एकेडमिक परफॉर्मेंस और व्यवहार हमेशा सराहनीय रहा है. इस घटना को गलत तरीके से लिया गया है. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री जी की मंशा गलत नहीं थी. मुख्यमंत्री उसको कैमरे की तरफ देखने के लिए कह रहे थे कि बिहार की बेटियां कैसे आगे बढ़ रही हैं." 

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'हम लोग चाहते हैं नौकरी ज्वाइन करे'

महफूजुर रहमान ने कहा कि इस पूरे मामले को गलत तरीके से पेश किया गया. वह उस घटना के बाद से कॉलेज नहीं आ रही हैं. हमको जानकारी नहीं है कि कहां हैं और नौकरी करेंगी या नहीं करेंगी. उन्होंने बताया कि नुसरत कोलकाता की रहने वाली हैं. कोलकाता से यूजी किया है. हम लोग चाहते हैं वह यहां कॉलेज में आकर पढ़ाई करें और नौकरी भी ज्वाइन करें.

नुसरत के साथ पढ़ने वाली शकीना जो पीजी कर रही हैं और उनकी सीनियर हैं, उन्होंने कहा, "नुसरत पढ़ने में बहुत अच्छी है. मेहनती है. हमेशा हिजाब में कॉलेज आती है. हमने कभी आज तक उसका चेहरा नहीं देखा है. घटना के बाद से बातचीत नहीं हुई है."

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