आरजेडी विधायक रीतलाल यादव इन दिनों भागलपुर जेल में हैं. अब उनके ऊपर मुसीबत और ज्यादा बढ़ गई है. बिल्डर से रंगदारी मांगने के केस में वे एक तरफ जेल में हैं तो अब बहुचर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड मामले में एमपी-एमएलए की विशेष अदालत से बरी होने वाले आदेश को पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार (25 सितंबर, 2025) को निरस्त कर दिया. 

Continues below advertisement

अब इस मामले को फिर से पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी. ऐसे में दानापुर विधायक को चुनाव से पहले राहत मिलने की कम उम्मीद दिख रही है. एक तरफ चुनाव है तो दूसरी ओर बरी वाले आदेश के निरस्त होने से आरजेडी विधायक की टेंशन बढ़ गई है.

2023 में आया था बरी वाला आदेश

बता दें कि दानापुर से बीजेपी से पूर्व विधायक आशा सिन्हा के पति सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड मामले में वर्ष 2023 में एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने रीतलाल यादव को बरी कर दिया था. पटना हाईकोर्ट के आदेश पर इस हत्याकांड की स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई हुई थी. इस केस में रीतलाल यादव समेत कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था. 

Continues below advertisement

अदालत ने रीतलाल यादव समेत अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किया था. इसके बाद इस मामले में आशा सिन्हा ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. इसी साल (2025) फरवरी में अदालत ने इस केस से जुड़े सभी आरोपियों को नोटिस भी जारी किया था.

2003 में की गई थी सत्यनारायण सिन्हा की हत्या

गौरतलब हो कि करीब 22 साल पहले 30 अप्रैल 2003 को खगौल के जमालुद्दीन चक के पास सत्यनारायण सिन्हा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसी दिन आरजेडी ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 'तेल पिलावन, लाठी घुमावन' रैली का आयोजन किया था. 

अभी विधायक रीतलाल यादव भागलपुर जेल में बंद हैं. उन पर एक बिल्डर कुमार गौरव ने रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था. इसके बाद पुलिस ने उनके ठिकानों पर दबिश दी थी. इसके बाद रीतलाल यादव ने इसी साल 17 अप्रैल को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इस मामले में विधायक और उनके तीन अन्य सहयोगियों- चिक्कू यादव, पिंकू यादव और श्रवण यादव को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था.