बिहार विधानसभा चुनाव (2025) से पहले नेताओं का एक-दूसरे पर वार-पलटवार जारी है. बीते बुधवार (24 सितंबर, 2025) को पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि एनडीए गठबंधन में आंतरिक कलह अब खुलकर सामने है. नीतीश कुमार को बीजेपी ने मानसिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है. बीजेपी अब उन्हें बोझ मानने लगी है. इस पर अब भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है.

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बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने गुरुवार (25 सितंबर, 2025) को पत्रकारों से हंसते हुए कहा, "खरगे जी की क्या स्थिति है यह माइक पर नहीं बोलना चाहता हूं. कुछ महीने पहले बिहार में ही वह बोले थे जिसको जाना है जाए मैं खाली कुर्सी पर ही भाषण दूंगा. तो कम से कम इतनी खराब स्थिति तो किसी की नहीं है."

सीडब्ल्यूसी की बैठक पर क्या बोले?

राहुल गांधी पर दिलीप जायसवाल ने निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के 70-80 साल के बाद सीडब्ल्यूसी की मीटिंग पटना में की. राहुल गांधी को इतने दिनों तक बिहार और बिहार के पिछड़ा-अतिपिछड़ा की याद नहीं आई. बिहार के लोग जानते हैं कि कांग्रेस चुनाव के समय झूठा वादा और नाटक करने का काम करती है. इतने दिनों तक कहां थे? आज इनको दलित और अतिपिछड़ों की याद आ रही है. ये सिर्फ वादा करते हैं, हम वादों को जमीन पर उतारने का काम करते हैं. भारतीय जनता पार्टी और एनडीए दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा के लिए काम करती रही है. आगे भी करती रहेगी.

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बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने चुनावी मेनिफेस्टो के बारे में बताते हुए अतिपिछड़ा कार्ड खेला और कहा था कि हमारी सरकार बनेगी तो 'अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम' पारित किया जाएगा. अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा. आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.