पटना: क्या बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) प्रदेश में लागू शराबबंदी कानून को खत्म कराना चाहते हैं? क्या वे कानून में संशोधन की बात से खुश नहीं हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि शराबबंदी कानून में संशोधन की चर्चाओं के बीच मांझी की पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान (Danish Rizwan) ने मुख्यमंत्री से बड़ी मांग की है. उन्होंने कहा कि कानून में संशोधन से पहले जनता से राय ले ली जाए. यदि जनता संशोधन चाहती है तो ही संशोधन हो, यदि जनता शराबबंदी कानून को नकार देती है, तो अविलंब यह कानून खत्म की जाए. 


पार्टी प्रवक्ता ने कही ये बात


हम प्रवक्ता ने कहा, " शराबबंदी कानून में संशोधन लाने से पहले मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से अनुरोध करूंगा कि कोई भी संशोधन नहीं लाकर पहले जनता के बीच सर्वे करा लीजिए. ये जान लीजिए कि बिहार की जनता क्या चाहती है. अगर बिहार की जनता चाहती है कि संशोधन हो तो हम उसके साथ हैं. लेकिन अगर जनता चाहती है कि कानून वापस ले लिया जाए तो अविलंब कानून को हटा दिया जाए. यही जनता और राज्य की हित में होगा."


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कानून में बदलाव होना तय


गौरतलब है कि शराबबंदी कानून की असफलता को लेकर जारी विवाद के बीच कानून में संशोधन की बात चल रही है. यह बात अब पक्की हो गई है. एबीपी को विश्वसनीय सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार, ये एक प्रपोजल लाया जा रहा है. इसमें इस बात को सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाएगी कि जो पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाएंगे सिर्फ उनको फाइन देना होगा. फाइन देने के बाद छोड़ दिया जाएगा. पहली बार शराब पीने वालों पर कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं होगा. हालांकि सबसे बड़ी बात ये है कि ये चीज स्पलायर, निर्माता, कारोबारी या तस्कर पर लागू नहीं होगा. 


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