बोधगया स्थित अपने आवास पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को सीट शेयरिंग पर कहा कि अगर हमको हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर अधिकृत करता है, तो हम जरूर फैसला लेंगे. फैसला में एक ही चीज है कि हम चाहते हैं कि हमारा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर हर हालत में मान्यता प्राप्त कर ले.
'हर जगह हमारा 10-15 हजार वोटर है'
उन्होंने कहा कि "मान्यता प्राप्त करने के लिए हमको 8 सीट विधानसभा चुनाव में चाहिए. 6 % वोट चाहिए टोटल वोट पोल का ।8 सीट लाने के लिए हमको 20 सीट मिलनी चाहिए, सब सीट वैसा तो जीत नहीं जाएंगे. अगर 60% स्कोरिंग सीट माना जाएगा तो भी 15 सीट की बात आती है. तो ऐसे में 8 सीट जीत जाएंगे और दूसरा यह है कि हम भी 100 सीट पर चुनाव लड़ेंगे. हर जगह हमारा 10-15 हजार वोटर है."
उन्होंने आगे कहा कि "जीतकर 6% वोट ले आएंगे और मान्यता प्राप्त कर लेंगे. चुकी हमारी पार्टी को 10 वर्ष हो गया है. अब हम निबंधित पार्टी होने पर अपने को अपमानित समझते हैं, इसलिए इस बार करो या मरो का मुद्दा है. विधानसभावार हम के कार्यकर्ता हैं. जीतन राम मांझी का धरातल क्या है, उनको आभास है."
साथ ही मांझी ने ये भी कहा कि लोग पैसे के बल पर एक जगह मीटिंग करते हैं तो 500 से 1000 गाड़ी मंगा लेते हैं. हम एक पैसा भी खर्च नहीं करते हैं, जहां जाते है वहां भीड़ होती है. इन सब चीजों को एनडीए के लोग समझते हैं और यह समझ कर जो जिताऊ पार्टी है, वह अनुमान करेंगे. हमको लगता है अच्छी मात्रा में सीट मिलेगी और हम 2025 में मान्यता प्राप्त पार्टी हो जाएंगे, यह हमरा लक्ष्य है.
राहुल गांधी दोगली बात करते हैं- जीतन राम मांझी
पीएम की मणिपुर यात्रा पर राहुल गांधी के तंज पर कहा कि राहुल गांधी दोगली बात करते हैं. राहुल गांधी वहां गए थे, क्या पहाड़ उखाड़ लिए थे. पीएम वहां गए तो 8000 करोड़ रुपये की सौगात दिए हैं. इतनी बारिश में जब हैलीकॉप्टर नहीं उड़ान भरा तो सड़क मार्ग से पहुंचे थे. कहा है विकास के लिए जो भी होगा वह करेंगे. अब इन लोगों को कुछ मिलता नहीं है, तो अनाप शनाप ही बात बोलते हैं. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी को छोड़कर नरेंद्र मोदी जैसा किसी पीएम ने काम किया है.
वहीं पप्पू यादव ने बयान दिया कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में बीजेपी ने विरोधी दल को धमकाया है. इस मामले पर कहा कि धमकाना तो लोकतंत्र में उचित नहीं है, अगर धमकाया है तो कानून अपना काम करेगा. उपराष्ट्रपति के चुनाव में सब ने अपने विवेक से काम किया है. जितना वोट मिलना चाहिए उससे 40 वोट अधिक मिला है, जो विरोधी लोग हैं, कांग्रेस के लोग हैं, उन्होंने भी उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को वोट देने का काम किया है. अच्छा समझकर मतदान किए हैं.