बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. वैशाली जिले के महुआ में आयोजित तेजस्वी यादव की सभा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को लेकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया. इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हंगामा खड़ा कर दिया है. केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने इस घटना की कड़ी निंदा की.

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गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार की राजनीति में यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह बेहद शर्मनाक है कि एक बार फिर मंच से प्रधानमंत्री की मां को गालियां दी गईं. गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि यह वही मानसिकता है जो 1990 के दशक के जंगलराज की पहचान रही है और आज भी राजद नेताओं के व्यवहार में झलकती है.

कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री की मां को गाली दिलवाना गलत बात

गिरिराज सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले राहुल गांधी के मंच से प्रधानमंत्री की मां को गाली दी गई थी और आज फिर लालू यादव के युवराज तेजस्वी यादव के मंच से वही शर्मनाक हरकत हुई है. यह साबित करता है कि उस दौर के संस्कार अभी भी तेजस्वी यादव के साथ जुड़े हुए हैं. उनके मंच से गालियां दी जाती हैं और वह चुप रहते हैं. यह अपमान है सिर्फ नरेंद्र मोदी की मां का नहीं, बल्कि बिहार की अस्मिता और देश की करोड़ों माताओं का.

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चुनाव के परिणाम में होगा इनका हिसाब बराबर

उन्होंने आगे कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्ति के खिलाफ की गई टिप्पणी नहीं है, बल्कि पूरे समाज की मातृशक्ति का अपमान है. जब कोई प्रधानमंत्री की मां का अपमान करता है तो वह हर भारतीय मां का अपमान करता है. यह बात बिहार की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. चुनाव के परिणाम में इन सबका हिसाब बराबर होगा.

राजद के लिए ऐसी घटनाएं साबित होगी नुकसानदेह- गिरिराज सिंह

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं चुनावी माहौल में राजद के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती हैं. सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है और लोग नाराजगी जता रहे हैं. भाजपा और जदयू ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है और तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोल रहे हैं.

इधर, विपक्षी दलों का कहना है कि नेताओं को अपने मंचों से अनुशासन बनाए रखना चाहिए और किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी या नारेबाजी को तुरंत रोकना चाहिए. महुआ की इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बिहार की राजनीति सभ्य संवाद की ओर बढ़ेगी या चुनावी माहौल में ऐसे विवाद ही हावी रहेंगे.