जेडीयू के पूर्व विधायक श्याम बिहारी प्रसाद ने मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा दे दिया और इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया. मोतिहारी के श्याम बिहारी वैश्य समुदाय से आने वाले प्रमुख नेता हैं. श्याम बिहारी प्रसाद ने जेडीयू के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना त्यागपत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है.

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कृष्णा अल्लावरू ने किया पार्टी में स्वागत

श्याम बिहारी प्रसाद बृजबिहारी प्रसाद के अनुज भाई हैं. श्याम बिहारी प्रसाद आदापुर विधानसभा सीट से कई बार विधायक रहे हैं और नीतीश कुमार सरकार में मंत्री भी रहे हैं. हालांकि पिछले कुछ चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. अब कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने उनका पार्टी में स्वागत किया. 

वैश्य समुदाय में मजबूत पकड़ के नेता

श्याम बिहारी प्रसाद ने ऐसे दिन में इस्तीफा दिया, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद चंपारण की ही धरती पर मौजूद हैं. उन्होंने वाल्मीकिनगर को 1100 करोड़ की सौगात दी है. पश्चिमी चंपारण आए नीतीश कुमार ने कहा कि इससे बगहा वाल्मिकीनगर और बेतिया का विकास होगा तभी तो तस्वीर बदलेगी. इधर सीएम जेडीयू को मजबूत करने में लगे हैं, उधर उनकी पार्टी के कद्दावर नेता ने उन्हें बड़ा झटका दे दिया है. नरकटिया विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के मंत्री रहे श्याम बिहारी प्रसाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और राज्य कार्यकारिणी सदस्य पद से भी इस्तीफा दे दिया है.

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इस इस्तीफे को पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है, क्योंकि श्याम बिहारी की वैश्य समुदाय में उनकी मजबूत पकड़ है. श्याम बिहारी प्रसाद की गिनती क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में होती है. चर्चा है कि पूर्वी चंपारण से कई बार विधायक रहे श्याम बिहारी प्रसाद कांग्रेस के टिकट पर रक्सौल सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. उनका कांग्रेस में आना महागठबंधन के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है. 

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