पटनाः राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) समेत 38 दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आज सजा सुनाई गई. डोरंडा चारा घोटाला केस में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने यह सजा सुनाई है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव को पांच साल की जेल और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. 15 फरवरी को कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था. इस पांचवें केस से पहले लालू यादव को चार दूसरे केसों में 14 साल की सजा मिल चुकी है. वहीं अन्य दोषियों को भी अलग-अलग सजा दी गई है.


सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के साथ षड्यंत्र से जुड़ी धारा 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत दोषी करार दिया है. लालू यादव को ये सजा 1990-95 के बीच डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के मामले में हुई है. जिसमें 1996 में दर्ज हुए इस केस में 170 लोग आरोपी थे. 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है और सात आरोपी सरकारी गवाह बन गए. वहीं दो आरोपियों ने दोष स्वीकार किया है. 


सीबीआई के जज एसके शशि ने इन दोषियों को सजा सुनाई. लालू प्रसाद यादव इस समय रांची र‍िम्‍स में इलाजरत हैं. होटवार जेल प्रशासन की ओर से उन्‍हें एक लैपटॉप उपलब्‍ध कराया गया था. इसी के सहारे उन्होंने अपनी सजा सुनी. सजा के ऐलान से पहले लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि कोर्ट में लालू यादव के स्वास्थ्य और बीमारी को देखते हुए कम से कम सजा देने की अपील की गई है. उधर सीबीआई के वकील ने बहस करते हुए सभी दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की थी.


आज जिन 38 लोगों को सजा सुनाई गई उनमें से 35 बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं, जबकि लालू प्रसाद यादव, डॉ. केएम प्रसाद और यशवंत सहाय स्वास्थ्य कारणों से जेल से बाहर राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती हैं.


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सजा के ऐलान से पहले कोर्ट पहुंचे थे कई नेता


सजा के ऐलान से पहले आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव भोला प्रसाद यादव और आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी पहुंचे. अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा- "हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है. लालू यादव की तबीयत सच में अच्छी नहीं है. माननीय न्यायाधीश को यह विवेकाधिकार है कि वो उसको रिलैक्स कर सकते हैं."


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