कटिहारः बिहार के कटिहार में नदियां उफान पर हैं. बारसोई अनुमंडल अंतर्गत महानंदा और रीगा नदी में जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. अनुमंडल क्षेत्र की कई पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों में बाढ़ को लेकर भय है. कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. क्षेत्र के लोगों को आने-जाने के लिए एक मात्र साधन नाव रह गया है. गुरुवार को जिलाधिकारी उदयन मिश्रा (DM Udayan Mishra) ने इन क्षेत्रों का जायजा लिया और स्थिति को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया.


दरअसल, भीषण बाढ़ ने नर्गद्दा गांव के समीप बने डायवर्सन को क्षतिग्रस्त कर दिया था. स्थानीय लोग और मुखिया का कहना है कि वर्ष 2017 में आई बाढ़ में पुल ध्वस्त हो गया था. इसके बाद तत्काल आवागमन के लिए डायवर्सन का निर्माण कराया गया था. लगभग पांच साल बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं कराया गया. अब डायवर्सन ध्वस्त होने से दर्जनों गांवों धनगामा, धपरसिया, चौकी, तेतलिया, चौकी मुकुरिया, बलिहारपुर, शेखपुरा, भर्री सहित दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन बाधित हो चुका है. 



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डीएम ने दिया तीन दिन का समय


इधर, गुरुवार को डीएम उदयन मिश्रा ने क्षेत्र के कई इलाकों का जायजा तो लिया ही साथ में डायवर्सन कटे स्थल का भी उन्होंने निरीक्षण किया. अधिकारियों और कर्मियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि कार्य में लापरवाही एवं कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ठेकेदार और इंजीनियर को तीन दिन का उन्होंने समय दिया. कहा कि तीन दिन के अंदर काम पूरा नहीं किया गया तो होगी कार्रवाई होगी.


डीएम उदयन मिश्रा ने कहा कि ध्वस्त डायवर्सन के कारण दर्जनों गांवों के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है. तत्काल आवागमन के लिए सरकारी नाव और निजी नाव उपलब्ध करा दिया गया है. तत्काल लोग सरकारी नाव से आवागमन करेंगे. ध्वस्त डायवर्सन काफी खतरनाक है. इसको देखते हुए उन्होंने स्थानीय लोगों से डायवर्सन से दूर रहने की अपील की है. फिलहाल डायवर्सन के निर्माण का काम भी शुरू हो गया है.


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