Difficulties Of Travelers: प्रयागराज में कुंभ स्नान के बाद अपने घरों को लौट रहे श्रद्धालु अब सफर की सबसे बड़ी परीक्षा से गुजर रहे हैं. बिहार के रोहतास जिले के कुदरा में हजारों बसें और गाड़ियां फंसी हुई हैं. उड़ीसा, झारखंड और बंगाल जाने वाले यात्रियों की हालत खराब हो चुकी है. कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है, जिससे यात्री न घर पहुंच पा रहे हैं और न ही उन्हें रास्ते में जरूरी सुविधाएं मिल रही हैं. 
 
जाम में फंसे श्रद्धालुओं की तकलीफें बढ़ीं
 
यात्रियों ने बताया कि सौ किलोमीटर का सफर 12 घंटे में भी पूरा नहीं हो पा रहा है. खाने-पीने की व्यवस्था न होने से यात्री बेहाल हैं. महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है. शौचालय और साफ-सफाई की भारी समस्या है.  उड़ीसा से आए एक परिवार ने बताया कि कुंभ से लौटने के लिए उन्हें ट्रेन की टिकट नहीं मिल पाई, इसलिए मजबूरी में बस ली, लेकिन अब बसें भी जाम में फंसी हुई हैं, जिससे तीन दिन का अतिरिक्त समय लग गया.
 
यात्रियों ने कहा, "अब तो वापस घर लौटना भी चुनौती बन गया है. किसी तरह ट्रॉली रिक्शे से स्टेशन तक जाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि ट्रेन से लौट सकें." झारखंड के गिरिडीह से आए श्रद्धालुओं का कहना है कि बसों में महिलाएं भी सफर कर रही हैं, लेकिन शौचालय और खाने की कोई व्यवस्था नहीं है. गाड़ी ऐसी जगह फंसी है, जहां आस-पास होटल या ढाबे तक नहीं हैं. महिलाएं घंटों से भूखी-प्यासी बैठी हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं दिख रहा. 
 
भीषण जाम के कारण प्रशासन की व्यवस्था लड़खड़ा गई है. ट्रैफिक पुलिस रास्ता खुलवाने की कोशिश कर रही है, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा है कि राहत मिलने में समय लग सकता है. अगर ऊपर से देखें तो बसों और गाड़ियों की लंबी कतारें नजर आती हैं. सड़क पर लोग बसों से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. कई परिवार अपनी गाड़ियों से उतरकर ट्रॉली रिक्शा या छोटे वाहनों की मदद से रेलवे स्टेशन पहुंचने की जद्दोजहद कर रहे हैं.

कब मिलेगी राहत? प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती

भीषण जाम के कारण प्रशासन की व्यवस्था लड़खड़ा गई है. ट्रैफिक पुलिस रास्ता खुलवाने की कोशिश कर रही है, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा है कि राहत मिलने में समय लग सकता है. अगर ऊपर से देखें तो बसों और गाड़ियों की लंबी कतारें नजर आती हैं. सड़क पर लोग बसों से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. कई परिवार अपनी गाड़ियों से उतरकर ट्रॉली रिक्शा या छोटे वाहनों की मदद से रेलवे स्टेशन पहुंचने की जद्दोजहद कर रहे हैं.

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