नवादा के बुधौल गांव के महादलित टोले में डायरिया का प्रकोप जारी है. मंगलवार को दो लोगों की मौत के बाद अब तक 64 से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आकर सदर अस्पताल में गुरुवार को भर्ती हैं, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. अस्पताल में बेड की भारी कमी के चलते एक बेड पर दो से तीन मरीजों को ठूंसा जा रहा है.

बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं कर रहे त्राहिमाम

बिना चादर और गद्दों पर मरीज इलाज के लिए तड़प रहे हैं और सिस्टम की नाकामी साफ उजागर हो रही है. बच्चे, बुजुर्ग और महिला त्राहिमाम कर रहे हैं. सर्जिकल वार्ड में 34, इमरजेंसी वार्ड इमरजेंसी वार्ड में 12 और ओपीडी वार्ड में 18 मरीज भर्ती हैं.

गांव में स्वास्थ्य विभाग के कैंप नाकाफी साबित हुए, जिससे मरीजों की हालत बिगड़ती जा रही है. हर घर से बीमार लोग अस्पताल की ओर दौड़ रहे हैं, लेकिन वहां भीड़ और अव्यवस्था के बीच मरीज त्राहिमाम कर रहे हैं. अस्पताल प्रबंधक कुमार आदित्य ने स्वीकार किया कि बेड की कमी के कारण एक बेड पर दो से तीन मरीज रखे जा रहे हैं, फिर भी इलाज की कोशिश जारी है.

दयनीय होती जा रही है स्थिति 

यह संकट स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की डरावनी तस्वीर पेश कर रहा है. डायरिया के इस तांडव को रोकने के लिए तत्काल स्वच्छ पानी, बेहतर सैनिटेशन, और अस्पतालों में अतिरिक्त बेड व संसाधनों की जरूरत है, वरना यह सनसनीखेज स्थिति और भयावह हो सकती है. स्थिति काफी दयनीय होती जा रही है.

हालांकि जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं और स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव में भी सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. जलजमाव की समस्या को दूर करने और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए भी प्रशासन ने कार्रवाई की है.स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मोहल्ले में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव शुरू कर दिया है, ताकि संक्रमण को रोका जा सके. 

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