पटना: बिहार में एक मार्च से जमीन रजिस्ट्री का नियम बदल गया है. आज से नए नियम लागू हो गए हैं. भूमि संबंधित दाखिल खारिज के वादों को फटाफट निपटाने के लिए फर्स्ट आउट और ऑड इवन वाले नियम प्रभावी हुए हैं. इस नई व्यवस्था में अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मी के बीच कार्य का बंटवारा हलका के अंक के आधार पर होगा. पूरे सूबे में इसे लागू कर दिया गया है. अब जिस तरह से म्यूटेशन के लिए आवेदन आएंगे उसी क्रम में उनका निपटारा भी किया जाएगा.


सभी अंचलों में लागू


कुल मिलाकर पहले आए आवेदन को सबसे ऊपर रखते हुए निपटारा करना होगा. यह व्यवस्था फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच जिलों में चल रही थी. इस दौरान जो भी आवेदन आएंगे उसके क्रम को तोड़ा नहीं जा सकता है. राजस्व और अंचल अधिकारी के बीच काम का इस तरह से बंटवारा होगा कि सम संख्या वाले हलका का काम राजस्व अधिकारी करेंगे. विषम संख्या वाले हल्का का काम अंचल अधिकारी करेंगे. इसके तहत निहित प्रावधान के अधीन राजस्व अधिकारी के चल स्तर पर दाखिल खारिज याचिकाओं के निष्पादन पर अंचल अधिकारी की शक्ति प्रदान की गई है.


पहले पांच में थे लागू


राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने सॉफ्टवेयर को अपडेट करके नई व्यवस्था को पायलट प्रोजेक्ट के ही तहत पांच राज्य में लागू किया था. इसमें पटना का फतुहा, किशनगंज का ठाकुरगंज, समस्तीपुर का कल्याणपुर, सीवान का सीवान अंचल औ भागलपुर का सबौर शामिल था. अब इन पांच जगहों में इसकी सफलता के बाद इसे सभी अंचलों में लागू कर दिया गया है. इसमें म्यूटेशन के लिए पहले के तरह ही सीओ के यहां आवेदन दिए जाएंगे.


क्रम के हिसाब से होगा निस्तारण


सीओ राजस्व कर्मचारी जांच के लिए इसे आगे देंगे. कर्मी अपने मंतव्य के साथ वाद को जांच करके इसे राजस्व पदाधिकारी के यहां बढ़ा देंगे. उसके बाद दोनों में बंटे हुए हलका के हिसाब से देखा जाएगा कि किसे आगे फॉरवर्ड करना है. इसमें सबसे अच्छी बात है कि अधिकारी मनमानी नहीं कर पाएंगे. हर महीने काफी सारे मामले लंबित हो जाते थे. लगभग 20 परसेंट मामले ऐसे होते थे जो लंबित रहते थे. जांच में पता चला कि पहले आए आवेदन को बाद में निस्तारण किया जाता था. इसी समस्या को खत्म करने के लिए ये किया गया है.