सुपौलः कोसी नदी में पानी बढ़ने की वजह से स्परों पर खतरा मंडरा रहा है. कोसी तटबंध के 16.98 किमी स्पर पर डी एरिया में नोज कटने से आगे का भाग धंस गया है. 15 जून से शुरू हुई बाढ़ अविध के बाद इसे दुरुस्त कराने में जलसंसाधन विभाग जुट गया है. हालांकि कोसी का डिस्चार्ज अभी काफी कम है इसलिए यह ज्यादा चिंता का विषय नहीं है.


दरअसल, डी एरिया में कोसी नदी ने शनिवार की सुबह सात बजे से दबाव बनाना शुरू कर दिया. इससे कराए गए बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य के बोल्डर क्रेटिंग के कुछ हिस्से नदी में धंस गए. इसे देखते हुए फ्लड फाइटिंग फोर्स के चेयरमैन विष्णुकांत पाठक, मुंख्य अभियंता मनोज रमन और एसई अशोक सिंह ठाकुर के निर्देश पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य कराए जा रहे हैं.


तीन एजेंसी को फ्लड फाइटिंग के लिए लगाया गया


शनिवार को लगभग 1,170 नाइलोन क्रेट कराया गया जिसकी संख्या रविवार की शाम होने तक लगभग दो हजार पहुंच गई है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तीन एजेंसी को इस स्पर पर ‘फ्लड फाइटिंग’ कार्य के लिए लगाया गया है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 16.98 किलोमीटर स्पर पर एक माह पूर्व बाढ़ पूर्व काटाव निरोधक कार्य के तहत वैशाली जिले की ब्रजधारी कंस्ट्रक्शन के द्वारा 6 करोड़ 16 लाख 68 हजार की लागत से कराया गया है.


इसके बावजूद विभाग ने इतनी बड़ी राशि खर्च भी की और कोसी नदी में एक लाख क्यूसेक के डिस्चार्ज को पार करते ही पानी को स्पर बर्दास्त नहीं कर सका.  इसके कारण स्पर पर कटाव तेज हो गया जिससे कार्य की गुणवत्ता पर कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं.


अभी पूरी तरह से नियंत्रण में है स्थिति


इस मामले में सुपरिटेंडिंग इंजीनियर अशोक सिंह ठाकुर, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अवधेश मंडल के साथ-साथ एसडीओ उदय कुमार के साथ दर्जन भर जेई ‘फ्लड फाइटिंग’ कार्य में लगे हैं ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके. हालांकि रविवार की शाम अभियंताओं की टीम ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में है.


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