पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव ने बुधवार को विवादों के बीच कोरोना वैक्सीन लगवा ली. दोनों भाइयों ने बिहार की राजधानी पटना स्थित जयप्रभा मेदांता अस्पताल में रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी लगवाई. वैक्सीन लगवाने के बाद तेजस्वी ने कहा कि सभी वैक्सीन कोरोना से बचाव में कारगर हैं, लेकिन उन्होंने स्पूतनिक-वी ली है. 


निजी अस्पतालों की ब्रांडिंग से बचना चाहिए


अब दोनों भाइयों के रूसी वैक्सीन लेने पर विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने उनपर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कहा, " तेजस्वी और तेज प्रताप यादव ने यदि निजी अस्पताल के बजाय एम्स, आइजीआइएमएस- पटना या किसी अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के टीके लिए होते, तो जनता के बीच अच्छा संदेश जाता. तेजप्रताप स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. उन्हें उन निजी अस्पतालों की ब्रांडिंग से बचना चाहिए था, जो गरीबों की पहुंच से बाहर हैं. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित कई अतिविशिष्ट व्यक्ति सरकारी संस्थानों में कोरोना के टीके ले चुके हैं."


 






उन्होंने कहा, " अच्छी बात है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने काफी  देर से ही सही, कोरोना की वैक्सीन ले ली. दोनों भाइयों को अब राजनीतिक बातें भूल कर अपने माता-पिता को भी टीका लगवाने के लिए तैयार करना चाहिए."


 






राज्यसभा सांसद ने कहा, " यदि लालू प्रसाद ने टीका लिया है, तो यह जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि आरजेडी के लाखों समर्थकों को टीका लेने की प्रेरणा मिले. टीकाकरण को लेकर लोगों का भ्रम दूर करने में लालू परिवार सकारात्मक भूमिका निभा सकता है."


 






मालूम हो कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के नेताओं के अब तक कोरोना वैक्सीन नहीं लेने की वजह से सत्ताधारी दल के नेता हमलावर थे. सत्ताधारी दल के नेता लगातर तेजस्वी पर जनता के बीच वैक्सीन का दुष्प्रचार करने का आरोप लगा रहा थे. बीते दिनों बीजेपी प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर अभद्र टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, " तेजस्वी यादव कोरोना वैक्सीन लगवा लें. इसका आपके यौन शक्ति पर कोई कुप्रभाव नहीं पड़ेगा." इन्हीं विवादों के बीच दोनों भाइयों ने स्पूतनिक-वी लगवा ली है.


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