पटना: विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले बिहार के पूर्व सीएम जीतन मांझी (Jitan ram Manjhi) ने फिर एक बार विवादित बयान दिया है. प्रदेश के गया जिले के लछुआड़ में बाबा भीम राव अंबेडकर (Baba Bheem Rao Ambedkar) की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांझी ने कहा कि मैं राम को भगवान नहीं मानता. वे केवल गोस्वामी तुलसीदास और बाल्मीकि की रचना के एक पात्र थे. ऐसे में उन्हें (गोस्वामी तुलसीदास और बाल्मीकि) तो मानता हूं, लेकिन राम को नहींं मानता.


ब्राह्मणों के संबंध में की विवादित टिप्पणी


वहीं, कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने फिर एक बार ब्राह्मणों के संबंध में विवादित टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि वैसे ब्राह्मणों से पूजा पाठ कराना पाप है, जो मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं. कई लोग पूजा कराते हैं, लेकिन उसका क्या फायदा? वे बड़े हो गए हैं क्या. पूजा पाठ कराने से लोग बड़े नहीं बनते हैं.


मांझी ने तो यहां तक कह दिया कि ऊंची जाति के लोग मूल रूप से भारतीय नहीं हैं. लोकमान्य तिलक और पंडित जवाहर लाल नेहरू की चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिपिछड़ा, आदिवासी और दलित ही भारत देश के मूल निवासी हैं. बड़े और ऊंची जाति के कहलाने वाले लोग बाहरी हैं, वो हमारे देश के मूल निवासी नहीं हैं. हिंदुस्तान में दो ही जाति के लोग हैं, एक अमीर और दूसरे गरीब. 


हम अध्यक्ष ने कहा कि अमीरों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करते हैं. जबकि गरीबों के बेटे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते हैं. लेकिन सरकार स्कूल में शिक्षक नहीं आते हैं. आते भी हैं तो 12 बजे और फिर 2 बजे चले जाते हैं. ऐसे में गरीबों के बच्चे कैसे पढ़ेंगे ये एक चिंता का विषय बन गया है.


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