आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को यह आरोप लगाए थे कि उनका नाम वोटर लिस्ट ड्राफ्ट में नहीं है. हालांकि इसके तुरंत बाद ही में चुनाव आयोग ने ये पुष्टि की कि उनका नाम कटा नहीं है, उनका नाम मौजूद है. अब इस पर रविवार को कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पार्टियों की तरह बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. 

कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, "चुनाव आयोग तो अपनी बात कहेगा लेकिन बिहार से हजारों फोन हमें भी आ रहे हैं जिसमें गड़बड़ियां हैं. उसे दुरुस्त करने की जरूरत है और चुनाव आयोग को राजनीतिक पार्टियों की तरह बयानबाजी करने की जरूरत नहीं है. अगर तेजस्वी यादव कुछ कहते हैं तो उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए. जिस तरह की बयानबाजी बीजेपी करती है, यदि उसी तरह की बयानबाजी चुनाव आयोग भी करने लगे तो जनता को कैसे विश्वास होगा कि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाएंगे."

दरअसल तेजस्वी यादव के आरोप के बाद चुनाव आयोग ने कहा था कि  यह दावा कि उनका नाम सूची से हटा दिया गया है, पूरी तरह निराधार है. उन्हें ठीक से देखना चाहिए. चुनाव आयोग ने इस मामले में एक्स पोस्ट किया और तेजस्वी यादव के दावों को भ्रामक, निराधार और गैरजिम्मेदाराना बताया. 

बता दें कि पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि एक अगस्त को जारी ड्राफ्ट लिस्ट से उनका नाम हटा दिया गया है. उन्होंने मीडिया के सामने चुनाव आयोग के मोबाइल ऐप में अपना EPIC नंबर डाला और बताया कि ऐप 'No Record Found' दिखा रहा है.

नाम हटने का तेजस्वी यादव ने किया था दावा

उन्होंने कहा, "इसका क्या मतलब है? बिहार से बाहर रहने वाले लोग ऐसे चेक कर रहे होंगे और उनके साथ ऐसा होगा तो उन्हें बुरा लग रहा होगा. हमें दस्तावेज जमा करते समय पावती रसीद नहीं मिली, इसलिए हमने बीएलओ के साथ फ़ोटो खिंचवाई. हम चुनाव कैसे लड़ेंगे? चुनाव लड़ने के लिए यहां का मतदाता होना जरूरी है." तेजस्वी यादव ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए.

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